अनिल कुंबले ने 21 साल पहले आज ही के दिन पाकिस्तान पर कहर ढाया था कहर, लिए थे 10 विकेट
किसी भी भारतीय क्रिकेट फैन के लिए आज का दिन किसी बड़े पर्व से कम नहीं है। 21 साल पहले आज ही के दिन (7 फरवरी) को पूर्व कप्तान और लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने अपनी शानदार गेंदबाजी के दम पर भारत को पाकिस्तान के खिलाफ यादगार जीत दिलाई थी। उनके नाम क्रिकेट में वैसे तो कई रिकॉर्ड दर्ज हैं जो आसानी से भुलाए नहीं जा सकेंगे। लेकिन यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जो बेहद खास है। जंबो के नाम से मशहूर कुंबले ने अपनी जादूई स्पिन से बेजोड़ कहर ढाया था, जिससे पाकिस्तानी टीम के खेमे में हड़कंप मच गया था।
1999 में दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में किया था ये कारनामा
दरअसल, उन्होंने फिरोजशाह कोटला मैदान में पाकिस्तानी टीम की एक टेस्ट पारी को अकेले ही ढेर कर दिया था। कुंबले ने 10 विकेट लेने का यह कारनामा साल 1999 में दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में अंजाम दिया था। भारत ने दो टेस्ट मैचों की सीरीज का यह आखिरी टेस्ट 212 रन से जीतकर सीरीज 1-1 से ड्रॉ की थी। कुंबले ने मैच की पहली पारी में भी चार विकेट लिए थे और वह कुल 14 विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच बने।
ऐसा रहा था पहली पारी के लेखा-जोखा
भारत ने मैच की पहली पारी में 252 रन बनाकर पाकिस्तान को 172 पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने ओपनर एस रमेश (96) की बदौलत 339 रन बनाए और मेहमान टीम को जीत के लिए 420 रन का लक्ष्य दिया। पाकिस्तान मैच को ड्रॉ कराने की कोशिशों में लगा था लेकिन कुंबले ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया और भारतीय टीम को शानदार जीत दिला दी।
सबसे पहले 1956 में इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर जिम लेकर से चुके हैं 10 विकेट
कुंबले ने 26.3 ओवर में महज 74 रन देकर दस विकेट हासिल किए थे। उनकी यह उपलब्धि अभूतपूर्व थी। कुंबले टेस्ट की एक पारी में सभी 10 विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज थे। उनसे पहले साल 1956 में इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर जिम लेकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक पारी में 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया था। कुंबले का यह रिकॉर्ड खास इसलिए भी है क्योंकि इस रिकॉर्ड की बराबरी तो की जा सकती है लेकिन इसे तोड़ा नहीं जा सकेगा।
ऐसा रहा करिअर
उनके ओवरऑल रिकॉर्ड की बात की जाए तो कुंबले ने 132 टेस्ट मैचों में 29.65 की औसत से 619 विकेट लिए हैं। वहीं वनडे में उन्होंने 271 मैचों में कुल 337 विकेट लिए हैं। कुंबले भारत के सबसे कामयाब गेंदबाज हैं। वह टेस्ट क्रिकेट में 600 विकेट पूरे करने वाले दुनिया के तीसरे स्पिनर थे। उन्होंने नवंबर 2008 में दिल्ली टेस्ट के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।