आर अश्विन के जोस बटलर को 'मांकडिंग' अंदाज से रन आउट करने पर उठा विवाद
आईपीएल के 12वें सीजन का चौथा मुकाबला सोमवार को राजस्थान और पंजाब के बीच राजस्थान के सवाई मान सिंह स्टेडियम में खेला गया। इस मैच में पंजाब ने राजस्थान को 'विवादित ढंग' से 14 रनो से हराकर इतिहास रच दिया। दरअसल, 12 साल के आईपीएल के इतिहास में यह पहला मौका था, जब पंजाब ने राजस्थान में जाकर राजस्थान को हराया हो। इस मुकाबले में विवाद तब खड़ा हुआ जब राजस्थान रॉयल्स के सलामी बल्लेबाज जोस बटलर आईपीएल के इतिहास में 'मांकडिंग' के शिकार होने वाले पहले बल्लेबाज बने। उन्हे किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान आर अश्विन ने मैच के दौरान विवादित ढंग से उन्हें रन आउट किया। क्रिकेट के इस 'जेंटलमैन' खेल में जब मांकडिंग की बात आती है तो विवाद हो ही जाता है।
पहले भी हुए हैं ऐसे ही आउट बटलर
उस समय बटलर 43 गेंद में 69 रन बनाकर खेल रहे थे और अश्विन ने चेतावनी दिए बिना उन्हें रन आउट कर दिया, जिससे खेल भावना को लेकर सवाल उठ रहे हैं। खेल के नियमों के अनुसार तीसरे अंपायर ने बटलर को आउट दिया, लेकिन ऐसे विकेट लेना खेलभावना के विपरीत माने जाते हैं। ऐसा पहली बार नहीं, जब जोस बटलर मांकडिंग के शिकार बने हों, 2014 में वनडे मुकाबले के दौरान श्रीलंका के सचित्रा सेनानायके ने बटलर को इसी अंदाज में रन आउट किया था, लेकिन चेतावनी देने के बाद। इसके बाद बटलर और अश्विन के बीच तीखी बहस भी हुई और मैच के बाद दोनों ने एक दूसरे से हाथ तक नहीं मिलाया। इस विकेट से मैच का रुख ही पलट गया।
अश्विन ने पहले भी किया था ऐसा
21 फरवरी, 2012 को ब्रिस्बेन में श्रीलंका के खिलाफ कॉमनवेल्थ बैंक श्रृंखला के खेल के दौरान, अश्विन ने नॉन-स्ट्राइकर लाहिरु थिरिमाने को मांकडिंग करते हुए रन आउट किया था। हालांकि, वरिष्ठ खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर और कार्यवाहक कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने आपस में कुछ विचार विमर्श किया और थिरिमाने के खिलाफ अपील वापस ले ली। उस वक्त अश्विन युवा थे इसलिए तब इतना बड़ा विवाद नही बना था।
मैच के बाद आर अश्विन ने कहा कि यह बहुत सहज था, ऐसा करने की कोई योजना भी नहीं थी। यह खेल के नियमों के भीतर है। मुझे नहीं पता कि इसमें खेल-भावना की समझ कहाँ से आती है। कल के इस विवाद के बाद कई खिलाड़ियों ने अपनी-अपना प्रतिक्रिया भी दी है। कुछ इसके पक्ष में बोले तो ज्यादातर इसके खिलाफ थे।
कुछ ने दिया साथ तो कुछ खिलाफ
डीन जोन्स ने अश्विन का सर्मथन करते हुए कहा कि यहाँ अश्विन को दोष मत दो। जैसा कि खेल के नियमों में इसकी अनुमति है और अगर यह खेल के कानून के भीतर है तो यह अपमानजनक या खेल की भावना के खिलाफ कैसे है। अगर दोषी मानना ही है तो कानून बनाने वालो को मानो। वहीं इंग्लैंड के कप्तान इयोन मॉर्गन, पूर्व ऑस्ट्रेलियन लेग स्पिनर शेन वार्न और डेल स्टेन ने अश्विन की आलोचना करते हुए कहा कि उनका ऐसा करना खेल भावना के खिलाफ है और वह युवा खिलाड़ियों के लिए एक खराब उदाहरण पेश कर रहे हैं।
क्या है मांकडिंग, पहली बार कब हुआ था ऐसा
इसमें नॉन-स्ट्राइकर को बोलर द्वारा गेंद फेंकने से पहले रन आउट किया जाता है। इसमें जब गेंदबाज को लगता है कि नॉन-स्ट्राइकर क्रीज से बहुत पहले बाहर निकल रहा है तो वह नॉन-स्ट्राइकर छोर की गिल्लियां उड़ाकर नॉन-स्ट्राइकर को आउट कर सकता है। इसमें गेंद रेकॉर्ड नहीं होती लेकिन विकेट गिर जाता है।
मांकडिंग का पहला और सबसे मशहूर उदाहरण वीनू मांकड द्वारा ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज बिल ब्राउन को रन आउट करना है। यह घटना 13 दिसंबर 1947 को हुई थी। माकंड गेंदबाजी कर रहे थे और उन्होंने ब्राउन को क्रीज से बाहर निकलने पर रन आउट कर दिया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया-XI के खिलाफ उस दौरे पर दूसरी बार ब्राउन को ऐसे आउट किया था। उनके अलावा भारतीय खिलाड़ियों में कपिल देव ने दक्षिण अफ्रीका के पीटर कर्स्टन को 1992-93 की सीरीज के दौरान 'मांकडिंग' से आउट किया था। वहीं, घरेलू क्रिकेट में स्पिनर मुरली कार्तिक ने बंगाल के संदीपन दास को रणजी ट्रॉफी मैच में इसी तरह से आउट किया था।
राजीव शुक्ला ने भी कहा ऐसा करना गलत
इंडियन प्रीमियर लीग के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने कहा कि कप्तानों और मैच रेफरियों की बैठक में यह तय किया गया था कि इस तरह से किसी बल्लेबाज को आउट नहीं किया जाएगा। उस बैठक में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान विराट कोहली और चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी मौजूद थे। आईपीएल चेयरमैन ने ट्वीट में लिखा कि जहां तक मुझे याद है वह कप्तानों और मैच रेफरी की बैठक थी और बतौर चेयरमैन मैं भी मौजूद था। इसमें तय किया गया था कि यदि दूसरे छोर पर खड़ा बल्लेबाज बाहर निकल भी जाता है तो भी गेंदबाज शिष्टाचारवश उसे रन आउट नहीं करेगा।