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24 July 2015

एसआईटी के निशाने पर क्रिकेट की सट्टेबाजी और कालाधन

एसआईटी ने रिपोर्ट में शेयर बाजार में गैरकानूनी तरीके से धन के प्रवाह को रोकने के लिए सख्त उपाय लागू करने की सिफारिश की है। इसमें क्रिकेट में बढ़ती सट्टेबाजी और इसमें बड़ी मात्रा में लगने वाले कालेधन को रोकने के लिए भी उपाय सुझाए गए हैं।
एसआईटी ने शैक्षिक और धार्मिक संगठनों को मिलने वाले दान पर नजर रखने की अनुशंसा करते हुए कालाधन रोकने के लिए चेक के जरिए डोनेशन लेने के लिए कहा है। रिपोर्ट में सेबी से कालाधन पर अधिक सख्‍ती से निपटने के लिए कहा गया है। अपनी ‌सिफारिश में एसआईटी ने सेबी से पी-नोट्स मामले में कानून बनाने के लिए भी कहा है।
एसआईटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एम. बी. शाह ने कहा कि लगता है, क्रिकेट की सट्टेबाजी में गैरकानूनी गतिविधि अपनाई जाती है जिस पर कुछ प्रावधानों से नियंत्रण किया जा सकता है और ये प्रावधान हर मायने में कारगर हो सकते हैं।
उधर, हितों का टकराव रोकने संबंधी करार का बीसीसीआई का पत्र दो राज्यों के संघों को मिल गया है जिसमें उन्होंने सभी पदाधिकारियों को अपने व्यावसायिक हितों की घोषणा करने और करार पर हस्ताक्षर करने के निर्देश दिए हैं। यह भी पता चला है कि बीसीसीआई की विभिन्न उप समितियों के सभी अधिकारियों को भी यह पत्र भेजा गया है। अध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष को भी इस करार पर हस्ताक्षर करने होंगे।
हितों का टकराव नहीं संबंधित नियम में बीसीसीआई से किसी भी तरह के व्यावसायिक संबंध नहीं की बात शामिल होगी। इसमें आईपीएल टीमों में हिस्सेदारी, प्रायोजन या किसी खास खिलाड़ी के हितों को देखना भी शामिल है।

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TAGS: SIT, Justice M.B.Shah, Betting, conflict of interest, बीसीसीआई, अनुराग ठाकुर, सट्टेबाजी, कालाधन
OUTLOOK 24 July, 2015
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