बीसीसीआई में जासूसी के लिए कंपनी से करार नहीं हुआ था: संजय पटेल
बीसीसीआई ने पटेल को पत्र लिखकर कंपनी को कथित तौर पर बोर्ड के कुछ प्रमुख अधिकारियों के चौबीसों घंटे जासूसी करने के लिए किए गए नौ लाख डालर के भुगतान पर स्पष्टीकरण मांगा था। यह तब हुआ जब बीसीसीआई में एन श्रीनिवासन की तूती बोलती थी।
पटेल ने पीटीआई से कहा, ‘मैंने पिछले मार्च में जिस दिन पद छोड़ा था उसी दिन बीसीसीआई का अपना ईमेल अकाउंट बंद कर दिया था। मैंने बीसीसीआई से करार की प्रति मांगी है क्योंकि मेरे पास कोई दस्तावेज नहीं हैं। एक बार जब वे मुझे यह दे देंगे तो मैं अपना जवाब उन्हें भेज दूंगा। लेकिन मैं स्पष्ट करता हूं कि किसी व्यक्ति की जासूसी करने के लिए कंपनी को निर्देश नहीं दिए गए थे।’
पटेल से पूछा गया कि बीसीसीआई ने आखिर इस तरह की कंपनी की सेवाएं क्यों ली, उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि वहां किसी कार्य का आदेश दिया गया था। एक समय था जब बीसीसीआई का ईमेल हैक कर दिया गया। ट्विटर के जरिये महत्वपूर्ण दस्तावेजों को लीक होने से बचाने के लिए हमने इस कंपनी के साथ करार किया था।गहन जांच पड़ताल के बाद ही सब कुछ किया गया। मैंने सुरक्षा के लिये एेसा किया। हमने कभी उनसे किसी व्यक्ति की जासूसी के लिए नहीं कहा।’
पटेल ने कहा कि कंपनी (पेज प्रोटेक्शन) ने 50 पेज की रिपोर्ट बीसीसीआई को दी थी जिसमें बताया गया है कि बोर्ड को सुरक्षा के लिए क्या उपाय अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, इसलिए जासूसी का कोई भी आरोप सही नहीं है।