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07 December 2016

इंग्लैंड को चौथे टेस्ट में हराकर श्रृंखला जीतने उतरेगी टीम इंडिया

फाइल फोटो-पीटीआई

तीन टेस्ट के बाद भारत ने 2 -0 की अजेय बढत बना ली है। विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम के हौसले बुलंद है और 2012 में एलेस्टेयर कुक की टीम को गंवाई एंथोनी डि मेलो ट्राफी वह फिर हासिल करने की फिराक में है।

यह मैच ड्रा भी रहता है तो भारत श्रृंखला जीत जायेगा। इससे पहले इंग्लैंड ने 2011 में इंग्लैंड में , 2012 में भारत में और 2014 में फिर इंग्लैंड में भारत को हराया था। वानखेड़े पर पिछले दो टेस्ट में इंग्लैंड ने भारत को हराया है और 2012 का टेस्ट तो खासकर इसलिये याद रखा जायेगा क्योंकि केविन पीटरसन ने भारतीय सरजमीं पर किसी विदेशी बल्लेबाज की सबसे उम्दा पारियों में से एक खेली थी। कल से शुरू हो रहे मैच से भारत को पिछली तमाम पराजयों का बदला चुकता करने का मौका मिल जायेगा।

इंग्लैंड को मोहाली में करारी हार का सामना करना पड़ा था और अब दुबई में एक हफ्ते तरोताजा होकर टीम नयी ऊर्जा के साथ खेलेगी। इंग्लैंड ने एशियाई मूल के दो खिलाडि़यों हसीब हमीद और जफर अंसारी की जगह नये चेहरों कीटन जेनिंग्स और लियाम डासन को उतारा है। हमीद और अंसारी दोनों फिटनेस समस्या से जूझ रहे हैं।

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भारतीय टीम भी फिटनेस समस्याओं से जूझ रही है लेकिन नये खिलाडि़यों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। तीसरे नंबर पर चेतेश्वर पुजारा और कप्तान विराट कोहली ने उम्दा बल्लेबाजी की है जबकि निचले क्रम पर आर अश्विन शानदार फार्म में हैं। आठ साल बाद टीम में लौटे पार्थिव पटेल ने पारी की शुरूआत करके मोहाली में 42 और 67 रन बनाये। केएल राहुल चोट से उबरकर लौटे हैं और ऐसे में पार्थिव अब मध्यक्रम में उतर सकते हैं। राहुल के लौटने पर करूण नायर को बाहर रहना होगा। इसके अलावा टीम में किसी बदलाव की संभावना नहीं दिखती।

मुरली विजय और अजिंक्य रहाणे का खराब फार्म भारत की चिंता का सबब हो सकता है। विजय ने राजकोट में शतक जमाया था जबकि रहाणे ने न्यूजीलैंड के खिलाफ इंदौर में आखिरी टेस्ट में 188 रन जोड़े थे। इसके बाद से दोनों बड़ी पारी नहीं खेल पाये हैं। विजय जहां शार्ट गेंदों का शिकार हुए, वहीं रहाणे गैर जिम्मेदाराना शाट्स खेलकर अपना विकेट गंवा बैठे।

भारत के लिये मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने नयी गेंद से बेहतरीन प्रदर्शन किया है जबकि अश्विन , रविंद्र जडेजा और नये खिलाड़ी जयंत यादव ने फिरकी का कमाल दिखाया है। तीसरे टेस्ट के बाद सात दिन के ब्रेक से गेंदबाजों को काफी मदद मिली होगी और अब वे फिर इंग्लैंड की बल्लेबाजी की बखिया उधेड़ने को बेताब होंगे।

इंग्लैंड की परेशानी कुक और जो रूट के फार्म में निरंतर आई गिरावट है। वानखेड़े पर उन्हें संतोष इस बात का होगा कि पिछले दोनों मैचों के परिणाम उनके अनुकूल रहे हैं। स्टुअर्ट ब्राड फिट होकर लौट रहे हैं जो विशाखापत्तनम टेस्ट के बाद से बाहर थे।

पिछले साल अगस्त में गाले में श्रीलंका से हारने के बाद भारत ने पिछले 16 टेस्ट में से एक में भी पराजय का सामना नहीं किया है। उसने 12 टेस्ट जीते जबकि चार ड्रा रहे।

भारत अब लगातार 17 टेस्ट के अपराजेय रिकार्ड की बराबरी से सिर्फ एक मैच पीछे है। भारत ने यह कमाल 1985 से 1987 के बीच किया था। इसकी शुरूआत 14 सितंबर 1985 को श्रीलंका के खिलाफ कैंडी में ड्रा टेस्ट से हुई और नौ मार्च 1987 को अहमदाबाद में पाकिस्तान के खिलाफ डा रहे टेस्ट तक यह सिलसिला चला था।

बेंगलूर में जीत का यह क्रम टूटा जब पाकिस्तान ने 16 रन से जीत दर्ज की। उस अपराजेय अभियान में कपिल देव की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने चार जीत दर्ज की थी और बाकी मैच ड्रा रहे थे।

भाषा

 

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TAGS: भारत, इंग्लैंड, चौथा टेस्ट, मुंबई
OUTLOOK 07 December, 2016
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