दलीप ट्रॉफी बीसीसीआई के कैलेंडर से गायब
बीसीसीआई ने 2015-16 के लिए सोमवार घरेलू कैलेंडर जारी किया। मीडिया विज्ञप्ति के अनुसार वह एक अक्तूबर से शुरू होने वाले सत्र में छह महीने के अंदर 900 मैचों की मेजबानी करेगा लेकिन इसमें दलीप ट्रॉफी का जिक्र नहीं किया गया है। यह पहला अवसर होगा जबकि 1961-62 से शुरू हुई यह अंतर क्षेत्रीय प्रतियोगिता नहीं खेली जाएगी।
यह टूर्नामेंट के एस दलीपसिंहजी की याद में आयोजित किया जाता रहा है। दलीपसिंहजी रणजीतसिंहजी के भतीजे थे जिनके नाम पर राष्ट्रीय चैंपियनशिप रणजी ट्रॉफी खेली जाती है। यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि जिस टूर्नामेंट को देश और विदेशों में होने वाली टेस्ट शृंखलाओं के लिए वास्तविक चयन ट्रायल माना जाता था, वह 2016- 17 के सत्र में होगा या नहीं। बीसीसीआई की विज्ञप्ति में आगामी सत्र में इस तरह के प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को हटाने के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है।
दलीप ट्राफी में अच्छा प्रदर्शन करके कई खिलाडियों ने राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई। इनमें अजित वाडेकर भी शामिल हैं जिनकी अगुवाई में भारत ने 1971 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड को उनकी सरजमीं पर हराया था। बाएं हाथ के बल्लेबाज वाडेकर ने 1966- 67 के फाइनल में पश्चिम क्षेत्र की तरफ से दक्षिण क्षेत्र के खिलाफ 103 रन की जबर्दस्त पारी खेली थी जिसके कारण उन्हें गैरी सोबर्स की अगुवाई वाली वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ खेलने के लिए संभावित टीम में चुना गया था। वाडेकर ने ब्रेबोर्न में वेस्टइंडीज के भविष्य के कप्तान क्लाइव लायड के साथ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था।
इस बीच बीसीसीआई का घरेलू कैलेंडर पिछले सत्रों जैसा नहीं होगा। रणजी ट्राफी लीग चरण ( चार दिसंबर) के समाप्त होने और नाकआउट चरण ( तीन फरवरी ) शुरू होने में भी दो महीने का अंतर रखा गया है। ऐसा सीमित ओवरों के विभिन्न टूर्नामेंटों के आयोजन के कारण किया गया है। रणजी ट्रॉफी 28 फरवरी को समाप्त होगी जिसके बाद ईरानी कप खेला जाएगा जो राष्ट्रीय चैंपियन और शेष भारत के बीच छह से दस मार्च के बीच खेला जाएगा। इसके साथ ही घरेलू सत्र का समापन होगा।