डैरेन सैमी ने पूछा, भारत में फेयर एंड लवली को क्रीम क्यों कहा जाता है?
अमेरिका के मिनियापोलिस शहर में 25 मई को एक अफ्रीकी अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद अमेरिका समेत पूरी दुनिया में नस्लवाद के खिलाफ एक जंग जारी है। वेस्टइंडीज टीम के पूर्व कप्तान डेरेन सैमी भी लगातार नस्लवाद के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं। अगर क्रिकेट की बात की जाए तो क्रिकेट में नस्लवाद के खिलाफ सबसे पहली आवाज उठाने वाले डेरेन सैमी ही हैं। ऐसे माहौल के बीच में डेरेन सैमी ने भारत से एक सवाल पूछा है कि आखिर क्यों पिछले चार दशकों से भारत एक ऐसी फेयरनेस क्रीम को अपनाते आया है जिसका नाम फेयर एंड लवली है।
इस तरह के उत्पाद भेदभाव पैदा करते हैं
आउटलुक के साथ खास बातचीत में 2016 के टी-20 विश्व कप विजेता टीम वेस्टइंडीज के कप्तान ने भारत से पूछा है की भारत जैसा, देश जहां नस्ल और रंग में इतनी विविधता है उसने फेयर लवली जैसे उत्पाद को आखिर क्यों स्वीकारा जो इतना भेदभाव पैदा करती है। डेरेन सैमी ने कहा, आपका विज्ञापन फेयर एंड लवली कहता है कि केवल गोरे लोग ही प्यारे होते हैं। वह केवल इसी चीज के लिए विज्ञापन करता है, उनका यह विज्ञापन साफ-साफ नस्लवाद की तरफ इशारा करता है।
युनिलीवर कंपनी ने लिया नाम बदलने का फैसला
जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद पूरी दुनिया ने अपना रोष और गुस्सा व्यक्त किया है, खासकर अश्वेत लोगों ने, ऐसे में युनिलीवर कंपनी ने अपनी फेयरनेस क्रीम फेयर एंड लवली को दोबारा से नाम बदलकर बाजार में उतारने का फैसला किया है। युनिलीवर कंपनी के सुंदरता एवं व्यक्तिगत देखभाल प्रभाग के अध्यक्ष सनी जैन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि हम पहचानते हैं कि फेयर, सफेद या लाइट जैसे शब्दों का इस्तेमाल सुंदरता को दर्शाने के लिए किया जाता रहा है, लेकिन हम ऐसा नहीं मानते इसीलिए हम इसे बदलना चाहते हैं।
एक सफेद पुलिसकर्मी द्वारा जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या ने अमेरिका समेत पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। जॉर्ज की हत्या के बाद ही पूरे अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और यूरोप में “ब्लैक लाइव्स मैटर” अभियान ने जन्म लिया। ऐसे में वेस्टइंडीज की क्रिकेट टीम इंग्लैंड के अपने आगामी दौरे पर अपने शर्ट के ऊपर ब्लैक लाइव्स मैटर का लोगो लगा कर खेलेंगे।
आईपीएल में इंशात ने मुझे कहा था कालू
आगे सैमी ने कहा, “हमें लोगों को अधिक शिक्षित करने की आवश्यकता है और उन्हें यह समझाने की जरूरत है कि अलग-अलग संस्कृतियां किस तरह से नस्लवाद को देखते या उनका सम्मान करते हैं। आईपीएल के दौरान इशांत शर्मा ने मुझे कालू कहकर पुकारा हालांकि उनका यह कहना किसी गुस्से देश में नहीं था बल्कि प्यार वह मासूमियत के साथ कहा था लेकिन किसी भी अपमानित किए जाने वाले शब्द से मुझे अवगत जरूर कराया जाना चाहिए। मैंने उनसे बातचीत की और अब मैं अपने जीवन में आगे बढ़ गया हूं।”
36 वर्षीय वेस्टइंडीज के हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा कि इशांत अभी भी उनके भाई हैं और जब भी वह दोबारा मिलेंगे तो उन्हें वह गले लगाना पसंद करेंगे। आगे सैमी ने कहा मुझे भारत में आना बहुत पसंद है और मैं वापस किसी ना किसी क्षमता में आना चाहूंगा चाहे वह मेंटर हो या कोच हो या खिलाड़ी। मेरे पास भारत की काफी प्यारी यादें हैं।
हम अभी भी है भाई
सैमी ने कहा, इशांत के घर में एक बहुत बड़ा पोस्टर लगा हुआ है जिसमें मैं और वह दोनों हाथ मिला रहे हैं और मैंने उस पर अपने हस्ताक्षर भी किए हुए हैं जिस पर मैंने लिखा है ब्रदर्स पर लाइफ। फिलहाल उन्होंने मुझे क्या कहा और किस तरीके से कहा इस पर मैं ध्यान नहीं देना चाहता हूं क्योंकि अभी हमें बड़ी समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसीलिए हमें अब आगे की ओर बढ़ना चाहिए।