किसान के बाद अब गोपालक बने धोनी, 85 रुपए लीटर तक बेच रहे हैं दूध
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान, माही यानी महेंद्र सिंह धोनी का नाम ही काफी है। जहां हाथ डालते हैं सोना हो जाता है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास लिया तो इंटरटेनमेंट की दुनिया, वेब सीरीज के साथ जैविक खेती में कूद पड़े। उनके रांची के रिंग रोड के करीब सैंबो में 43 एकड़ के फार्म हाउस जिसका नाम ईजा है से निकलने वाली जैविक सब्जियां बाजार में धूम मचाने लगीं।
अपने फॉर्म हाउस की स्ट्रॉबेरी का जायका लेते तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गया। अब तो पपीता, आम, अनानास, खरबूज आदि भी कम समय में बाजार का रुख करने वाले हैं। उनके फॉर्म हाउस में गायें भी कम नहीं हैं। साहिवाल, फ्रेजियन और न जाने किस-किस नस्ल की। अभी 73 गायें हैं। दूध भी बाजार में आ रहा है, रोजाना कोई चार सौ लीटर दूध बेच रहे हैं। रांची के लालपुर चौक और मेन रोड पर, होम डिलिवरी भी कर रहे हैं।
साहिवाल का दूध 85 रुपये लीटर और दूसरी जर्सी गायों का 55 रुपये लीटर। इन गायों ने भी उन्हें पूर्वी भारत के सर्वश्रेष्ठ गो पालक का पुरस्कार दिलवा दिया है। बिरसा कृषि विवि के किसान मेले में विधानसभा अध्यक्ष रबिन्द्रनाथ महतो ने पशुपालन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए बेहतरीन पशुपालक का पुरस्कार धोनी के प्रतिनिधि कुणाल गौरव को प्रदान किया। ईजा का प्रबंधन देखने वाले कुणाल गौरव बताते हैं कि धोनी जब रांची में होते हैं अपने खेतों को निहारना, अपनी गायों को सहलाना नहीं भूलते। उन्हें गायों से भी उसी कदर प्यार है।