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13 January 2017

धोनी ने कहा, विभाजित कप्तानी में विश्वास नहीं करता

गूगल

इंग्लैंड के खिलाफ रविवार से शुरू होने वाली वनडे श्रृंखला से पहले कप्तानी छोड़कर सभी को हैरान करने वाले धोनी ने कहा कि वह अलग प्रारूप के लिये अलग कप्तान रखने में विश्वास नहीं करते।

धोनी ने कप्तानी छोड़ने के बाद पहली बार मीडिया से रू ब रू होते हुए कहा, मैं विभाजित कप्तानी में विश्वास नहीं करता। टीम के लिये केवल एक कप्तान होना चाहिए। भारत में अलग प्रारूप के लिये अलग कप्तान की व्यवस्था नहीं चलती। मैं सही समय का इंतजार कर रहा था। मैं चाहता था कि विराट इस काम में सहज महसूस कर रहे। इस फैसले में कुछ भी गलत नहीं है। इस टीम में तीनों प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता है। मेरा मानना है कि यह पद छोड़ने का सही समय था।

उन्होंने कहा, विराट और उनकी टीम मेरी तुलना में अधिक मैच जीतेगी। मुझे लगता है कि यह अब तक सबसे सफल टीम होगी। उनके पास इस तरह की अनुभव और क्षमता है। उन्होंने नाकआउट टूर्नामेंट खेले हैं और उन्होंने इन्हें दबाव में खेला है। मेरा पूरा विश्वास है कि यह ऐसी टीम है जो इतिहास फिर से लिखेगी।

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धोनी ने कप्तानी छोड़ने के अपने फैसले के संबंध में कहा कि उन्होंने बीसीसीआई को काफी पहले इस बारे में अवगत करा दिया था। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया में 2014 के दौर में टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद से ही यह उनके दिमाग में घूम रहा था।

धोनी ने कहा, मेरा मानना है कि एक खिलाड़ी का टीम की अगुवाई करना महत्वपूर्ण है। जब विराट ने टेस्ट कप्तानी संभाली तभी से यह बात मेरे दिमाग में थी। मैं चाहता था कि वह पद संभाले और इसमें सहज रहे। मैं कुछ मैचों में कप्तान बने रहना चाहता था और अब आखिर में मैंने फैसला किया कि अब आगे बढ़ने और विराट को सीमित ओवरों की भी कप्तानी सौंपने का समय आ गया है।

धोनी से पूछा गया कि क्या कप्तानी छोड़ने के बाद टीम में उनकी भूमिका प्रभावित होगी, उन्होंने कहा कि वह कोहली को अपने सुझाव देने जारी रखेंगे।

उन्होंने कहा, विकेटकीपर हमेशा टीम का उपकप्तान होता है। कप्तान क्या चाहता है मैं उस पर करीबी नजर रखूंगा। मेरी विराट से पहले ही बातचीत हो गयी है। जब भी वह चाहेगा मैं उसे सुझाव देने के लिये वहां रहूंगा। मुझे क्षेत्ररक्षण की सजावट पर करीबी नजर रखनी होगी।

धोनी ने कहा कि उन्होंने कप्तान के रूप में उतार-चढाव के बावजूद इसका पूरा लुत्फ उठाया। उन्होंने कहा, मुझे जिंदगी में किसी चीज का खेद नहीं है। कई अच्छी चीजें हुई इनमें किसी एक का चयन करना मुश्किल है। मेरे लिये यह यात्रा उतार-चढाव वाली रही। जब मैंने शुरूआत की तो कई सीनियर खिलाड़ी टीम में थे। मैंने युवा खिलाडि़यों को तैयार करने की कोशिश की। जब सीनियर खिलाडि़यों ने संन्यास लिया तो जूनियर ने उसके बाद अच्छा प्रदर्शन किया। वे भारतीय क्रिकेट की विरासत को आगे बढ़ाने में सफल रहे।

उन्होंने कहा, यह ऐसी यात्रा रही जिसका मैंने वास्तव में लुत्फ उठाया और जब मैं इस बारे में सोचता हूं तो मेरे चेहरे पर मुस्कान तैर जाती है। यह आसान रही हो या मुश्किल मैंने इसका भरपूर आनंद लिया।

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TAGS: महेन्द्र सिंह धोनी, कप्तान, विराट कोहली, Split captaincy, does not work, India, Mahendra Singh Dhoni, Virat Kohli
OUTLOOK 13 January, 2017
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