विराट कोहली की टीम के बल्लेबाजों को सलाह, अति-रक्षात्मक रवैये से ना करें बल्लेबाजी
भारतीय कप्तान विराट कोहली पहले टेस्ट में हार के बाद काफी निराश हो गए हैं। ऐसे में उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से पहले अपने बल्लेबाजों से अति-रक्षात्मक रवैया छोड़ने की अपील की है। विराट कोहली ने कहा कि ज्यादा सतर्क रहकर बल्लेबाजी करते हुए विदेशी दौरों में कभी फायदा नहीं मिलता। भारत को बेसिन रिजर्व में पहले टेस्ट मैच में दस विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। वह तेज गेंदबाजों के लिए मददगार पिच पर दोनों पारियों में 200 रन तक भी नहीं पहुंच पाया था। कोहली ने हार के बाद कहा कि मुझे लगता है कि बल्लेबाजी इकाई के तौर पर हम जिस तरीके से खेलते हैं उसे सही करना होगा। मुझे नहीं लगता कि सतर्क होने या बेहद सावधानी बरतने से मदद मिलेगी क्योंकि ऐसे में हो सकता है कि आप अपने शॉट नहीं खेल पाओ।
चेतेश्वर पुजारा ने खेली थी बेहद रक्षात्मक पारी
दूसरी पारी में तकनीकी तौर पर मंझे हुए बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने बेहद रक्षात्मक रवैया अपनाया और 81 गेंदों पर 11 रन बनाए। हनुमा विहारी ने 79 गेंदें खेलीं और 15 रन बनाए। बल्लेबाजी यूनिट किसी भी समय लय हासिल करने में नाकाम रही। पुजारा ने बीच में 28 गेंद तक एक भी रन नहीं बनाया और ऐसे में दूसरे छोर पर खड़े मयंक अग्रवाल को ढीले शॉट खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। भारतीय कप्तान को यह कतई पसंद नहीं है कि आप दौड़कर एक रन न लो और किसी अच्छी गेंद का इंतजार करो जो आपका विकेट ही ले लेगी।
हमलावर तेवर दिखाने की भी जरूरत
कोहली ने कहा कि आपको संदेह पैदा होगा, अगर इन परिस्थितियों में एक रन भी नहीं बन रहा है, आप क्या करोगे? आप केवल यह इंतजार कर रहे हो कि कब वह अच्छी गेंद आएगी जो आपका विकेट ले लेगी। भारतीय कप्तान को विरोधी टीम पर हावी होने के लिए जाना जाता है और वह चाहते हैं कि उनके कुछ बल्लेबाज भी इसका अनुसरण करें। उन्होंने कहा, ‘मैं परिस्थितियों का आकलन करता हूं, अगर मैं देखता हूं विकेट पर घास है तो मैं हमलावर तेवर दिखाता हूं ताकि मैं अपनी टीम को आगे ले जा सकूं।’
मुझे नहीं लगता कि सतर्क रवैये से कभी फायदा मिलता है
कोहली ने कहा, ‘अगर आप सफल नहीं होते, तो आपको यह स्वीकार करना होगा कि आपकी सोच सही थी आपने कोशिश की लेकिन अगर इससे फायदा नहीं मिला तो उसे स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है।’ कप्तान ने अपनी राय को स्पष्ट करते हुए कहा कि लेकिन मुझे नहीं लगता कि सतर्क रवैये से कभी फायदा मिलता है विशेषकर विदेशी पिचों पर।