क्रिकेट: कूचे में बेआबरू
भारत में क्रिकेट के प्रति लोगों की दीवानगी का कोई मुकाबला नहीं। अगर अच्छे प्रदर्शन के बाद खिलाड़ी को सिर पर उठाया जाता है, तो बुरे प्रदर्शन पर उसे गिरा भी दिया जाता है। इस समय हार्दिक पांड्या भारतीय फैंस के निशाने पर हैं। पहले उनके व्यवहार, गुजरात टाइटंस से ट्रेड हो जाना, मुंबई इंडियंस का कप्तान बनना और औसत प्रदर्शन, किस्मत का कोई भी सिक्का हार्दिक के पक्ष में गिरता नहीं दिख रहा। खुद मुंबई इंडियंस के फैंस टीम की जीत से ज्यादा हार्दिक की हार की दुआएं कर रहे हैं। देश के अलग-अलग मैदानों पर हार्दिक के खिलाफ हूटिंग की जा रही है।
गुमनामी से लेकर दौलत और शोहरत की इस यात्रा में एक पहलू हमेशा क्रिकेट का स्तम्भ बना रहा। इस स्तम्भ को हम भारतीय फैंस के नाम से जानते हैं। जब-जब दिल दुखा, खेल प्रेमी रोए, खिलाड़ियों को गालियां पड़ीं लेकिन ये खुश हुए तो अपने प्यार की बरसात भी की। हार्दिक पांड्या और प्रशंसकों के बीच के इस विवाद की सबसे अहम कड़ी ही उम्मीदें और भावनाएं हैं। भारतीय फैंस के रिएक्शन का अंदाजा कभी नहीं लगाया जा सकता। जहां 2007 में एकदिवसीय विश्व कप के बाद खिलाड़ियों के पुतले तक जला दिए गए। वहीं, 2023 विश्व कप में हार के बावजूद फैंस ने खिलाड़ियों को सिर आंखों पर बैठा लिया। फिर हार्दिक पांड्या से ये नफरत क्यों?
भारतीय फैंस अपने हीरोज के साथ भावनात्मक संबंध चाहते हैं। ऐसे में खिलाड़ी का व्यवहार फैंस पर प्रभाव डालती हैं। 2016 में हार्दिक पांड्या के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू के बाद से ही वह फैंस की नजरों में आ गए थे। ऑस्ट्रेलिया में अच्छे प्रदर्शन के बाद हार्दिक के हर सीरीज में बदलते लुक्स को कवरेज मिली। उनका स्टाइल कइयों को पसंद आया और कइयों को नहीं। यह भी कहा गया कि हार्दिक भारतीय से ज्यादा कैरिबियाई अंदाज में अपना जीवन व्यतीत करते हैं। भारत के मशहूर टॉक शो कॉफी विद करण में अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए हार्दिक सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हुए। मामला इतना बढ़ा कि बीसीसीआइ ने हार्दिक और केएल राहुल को कुछ समय के लिए सस्पेंड भी किया।
हार्दिक को कमबैक मैन का टैग दिया जाता रहा है। चाहे चोट हो, मुंबई इंडियंस से बाहर किया जाना हो या टीम इंडिया में वापसी करना हो, हार्दिक ने समय-समय पर अपने प्रदर्शन से फैंस का दिल भी जीता। छह महीने पहले तक हार्दिक के प्रति दीवानगी भी कम नहीं थी। उन्होंने पहले ही सीजन में गुजरात टाइटंस को आइपीएल विजेता बनाया। दूसरे सीजन में भी वह आइपीएल खिताब से बस एक कदम दूर रहे। लेकिन गुजरात के कप्तान के रूप में मुंबई की आलोचना करना आज भी फैंस को याद है। एक पॉडकास्ट में उन्होंने कहा था कि मुंबई इंडियंस सर्वश्रेष्ठ लोगों को लेकर ट्रॉफी जीतती है, जबकि सीएसके अपने खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ वातावरण देती है फिर ट्रॉफी जीतती है। अब हार्दिक आइपीएल इतिहास की सबसे बड़ी ट्रेड में मुंबई टीम में वापसी कर गए। मुंबई आने तक भी सब ठीक था, लेकिन कप्तान बनाए जाने के बाद फैंस की भावनाएं ट्रिगर हो गईं। फिर एकाध मौकों पर कैमरे में कैद हो गया हार्दिक का रोहित के प्रति बर्ताव लोगों को पसंद नहीं आया। हार्दिक पर कई बार एमएस धोनी बनने की नकली कोशिश के भी आरोप लगे। उन पर यह आरोप भी लगे कि हार्दिक भारत के लिए खेलने को गंभीरता से नहीं लेते।
या तो उन्हें फैंस की भावनाओं का इल्म नहीं था या परवाह नहीं थी। हार्दिक पांड्या के मसले में सबसे बड़ा किरदार मुंबई इंडियंस के थिंक टैंक ने निभाया और गड़बड़ी भी वहीं से शुरू हुई। बिना ट्रॉफी के तीन सीजन और भविष्य की प्लानिंग को देखते हुए हार्दिक पांड्या को कप्तान बनाया जाना समझ आता है। लेकिन ट्रांजिशन को लेकर एमआई के इस तरीके ने लोगों को रोहित शर्मा के अपमान माना। मार्क बाउचर के कुछ वक्तव्य भी स्थिति के खिलाफ गए। रोहित शर्मा खुद हार्दिक पांड्या को अपना कार्यभार सौंपते तो नजारे अलग होते। विराट और धोनी का क्रमशः आरसीबी और सीएसके की कप्तानी से हटना इसका प्रमुख उदाहरण है। इस तरह, यह सिर्फ हार्दिक पांड्या और भारतीय फैंस के बारे में नहीं है, बल्कि मुंबई इंडियंस मैनेजमेंट और उनकी सोच के बारे में भी है।
हालांकि, यह भी सच है कि भारतीय सिनेमा की तरह ही इस ट्रोलिंग की कहानी की भी ‘एंडिंग’ जल्द होगी और यह ‘हैप्पी’ भी होगी। फैंस के मन और जेहन में नकारात्मकता अपना घर नहीं बना सकती। यह पहले भी नहीं हुआ है और आगे भी नहीं होगा। बस समय की बलिहारी है कि कब हार्दिक पांड्या की हूटिंग उनकी तारीफों में बदलेगी। हार्दिक किसी दूसरे देश के नहीं हैं, एक भारतीय खिलाड़ी ही तो हैं। यह तो फैंस भी जानते हैं कि हार्दिक इस समय भारत के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं। अहम मुकाबलों में हार्दिक ने बल्ले और गेंद से अच्छा प्रदर्शन किया है। विराट कोहली और रोहित शर्मा ने अपने अपने स्तर से इस हूटिंग को रुकवाने की कोशिश की है। क्योंकि वे हार्दिक का दर्द समझ रहे होंगे। कभी-कभी इंसान जितना खुश दिखता है, उतना होता नहीं। यही हार्दिक के साथ हो रहा है। दिन बुरे हैं, तो अच्छे भी आएंगे। जैसे ही चीजें सही होने लगेंगी, प्रशंसक भी प्यार करना शुरू कर देंगे। हार्दिक निश्चित रूप से उन सभी चीजों से आगे बढ़ चुके हैं, जिनसे प्रशंसक उनसे नफरत करते होंगे। अब समय आ गया है कि प्रशंसक भी आगे बढ़ें, ताकि हम भावनाओं और खेल को समान रूप से प्राथमिकता दे सकें।