खिलाडि़यों पर अपना नजरिया थोपना मेरी शैली नहीं: कुंबले
कुंबले ने शुक्रवार को बीसीसीआई.टीवी से कहा, खिलाडि़यों का समूह मौजूद है और सबसे पहले मैं चीजों को समझाने की कोशिश करूंगा। उम्मीद करता हूं कि इसके बाद मैं उन्हें समझा पाऊंगा। अगर वे इसे प्रभावी नहीं समझते, वे इसे नहीं अपनाएंगे और प्रक्रिया काम नहीं कर पाएगी। मैं चीजों को लागू करने में मदद करने वाले के रूप में काम करने की कोशिश करूंगा। इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, मैं जान राइट (पूर्व भारतीय कोच) के मार्गदर्शन में काफी खेला हूं। उनका काफी प्रभाव है और संभवत: मैं भी अपना काम इसी तरह करूंगा।
उन्होंने कहा, मुंबई इंडियन्स के मेंटर के तौर पर मैं जान को लेकर आया क्योंकि वह भारतीय संस्कृति और यहां कोच कैसे काम करते हैं उसके बारे में काफी कुछ जानते हैं। मैं उन्हीं की तरह काम करने की कोशिश करूंगा। मैं कुछ समय के लिए गैरी कर्स्टन के साथ भी जुड़ा रहा। वह भी पीछे से काम करता है और खुद को सामने नहीं आने देता। मैं भी पर्दे के पीछे से काम करने का प्रयास करूंगा। कुंबले की नजर में क्रिकेट टीम की कोचिंग का मतलब कप्तान के बोझ को कम करना है।