रोमांचक मुकाबले में भारत ने जिम्बाब्वे को 4 रनों से हराया
इस ओवर में भुवनेश्वर कुमार की सधी गेंदबाजी ने भारत को जीत दिला दी। आखिर के 6 ओवरों में जिम्बाब्वे के कप्तान चिगुंबरा की आतिशी बल्लेबाजी ने मैच का रुख उनकी टीम की ओर मोड़ दिया और भारतीय गेंदबाज तमाम कोशिशों के बावजूद चिगुंबरा और उनके साथ दूसरे छोर पर 49वें ओवर तक टिके ग्रेम क्रेमर से पार नहीं पा सके। इन दोनों के बीच सातवें विकेट के लिए हुई 86 रनों की साझेदारी हुई। 49वें ओवर की आखिरी गेंद पर अगर क्रेमर आउट नहीं हुए होते तो यह मैच भारत की पकड़ से निकल ही गया था।
इससे पहले अंबाती रायुडु और स्टुअर्ट बिन्नी की अपने कॅरिअर की सर्वश्रेष्ठ पारियों की मदद से भारत ने शीर्ष क्रम के पतन से उबरकर छह विकेट पर 255 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। रायुडु ने विषम परिस्थितियों में नाबाद 124 रन की परिपक्व पारी खेली। इसके लिये उन्होंने 133 गेंद का सामना किया तथा 13 चौके और एक छक्का लगाया। इससे पहले रायुडु का उच्चतम स्कोर 121 रन था जो उन्होंने पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ अहमदाबाद में बनाया था। बिन्नी के रूप में उन्हें अच्छा सहयोगी मिला जिन्होंने 76 गेंदों पर छह चौकों और दो चौकों की मदद से 77 रन बनाये। इन दोनों ने छठे विकेट के लिए 160 रन की साझेदारी की जो भारत की तरफ से नया रिकार्ड है। इससे पहले का रिकार्ड युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के नाम पर था जिन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ इसी मैदान पर दस साल पहले 158 रन जोड़े थे।
रायुडु और बिन्नी ने उस समय भारतीय पारी को संवारने का बीड़ा उठाया जबकि टास गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम का स्कोर पांच विकेट पर 87 रन था। रायुडु और बिन्नी के अलावा केवल कप्तान अंजिक्य रहाणे (34) ही दोहरे अंक में पहुंचे। बिन्नी ने 45वें ओवर में अपना पहला अर्धशतक पूरा किया जबकि टिनसे पेनयांगरा की लगातार गेंदों पर छक्का और चौका जड़ने वाले रायुडु ने 117 गेंद पर अपना दूसरा शतक पूरा किया। बन्नी 49वें ओवर में टिपानो पर लंबा शाट खेलने के प्रयास में आउट हुए।
जिम्बाब्वे की तरफ से चामू चिभाभा ने 25 रन देकर दो विकेट और डोनाल्ड टिपानो ने 48 रन देकर दो विकेट हासिल किए। भारत ने शुरू में ही मुरली विजय (एक) का विकेट गंवा दिया। भारतीय बल्लेबाज शुरू से रन बनाने के लिए जूझ रहे थे। विजय के साथ पारी की शुरूआत करने वाले रहाणे और रायुडु ने दूसरे विकेट के लिए 51 रन जोड़कर पारी संवारने की कोशिश की लेकिन इसके बाद अचानक ही विकेट निकलने शुरू हो गये। भारत ने सात ओवर के अंदर चार विकेट गंवाये। रहाणे ने अपनी 49 रन की पारी में चार चौके लगाए। लंबे समय बाद सीनियर टीम में वापसी करने वाले मनोज तिवारी (दो) और रोबिन उथप्पा (शून्य) मौके का फायदा उठाने में नाकाम रहे जबकि केदार जाधव (पांच) का पदार्पण भी अच्छा नहीं रहा जिससे 25वें ओवर तक स्कोर पांच विकेट पर 87 रन हो गया।