क्रिकेट विश्व कप : भारत-पाकिस्तान: अब तो बस ‘नाम’ की टक्कर
मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच हो तो फाइनल भी फीका पड़ जाता रहा है। लेकिन अब प्रतिद्वंद्विता वैसी नहीं दिखती। दर्शकों और प्रशंसकों में भी रोमांच पहले जैसा नहीं दिखता। विश्व कप 2023 में ही पाकिस्तान के साथ भारत की भिड़ंत नाम मात्र की रही। अहमदाबाद में भारत ने पाकिस्तान को 117 गेंदें शेष रहते करारी शिकस्त दी। आइए, विश्व कप में भारत की आठ जीत और उन बिंदुओं पर नजर डालते हैं, जिससे आज यह लड़ाई फीकी पड़ गई है। रोमांच बरकरार, प्रतिद्वंद्विता घटी
व्यूअरशिप के लिहाज से भारत पाकिस्तान का मैच कल, आज और हमेशा ही सबसे बड़ा मैच रहेगा क्योंकि दोनों देशों में क्रिकेट में दर्शकों का आकर्षण भारी है और शायद यह खास तरह की भावनाओं को कुछ सहलाने का भी मौका बन जाता है। लेकिन, विश्लेषण करने पर पता लगता है कि मुकाबले अब एकतरफा होने लगे हैं। अब मैच के नतीजे के लिए 100 ओवरों तक नहीं, बल्कि 40 ओवरों तक ही इंतजार करना पड़ता है। निश्चित ही पाकिस्तान की टीम के खेल के स्तर में गिरावट आई है। आज पाकिस्तान टीम ऐसे खिलाड़ियों की तलाश में है, जो दिखावे की दुनिया से परे टीम को मैच जिताने का माद्दा रखते हों।
स्टार खिलाड़ियों की तलाश
साल 1992 से लेकर 2011 और कुछ हद तक 2015 विश्व कप तक भी...पाकिस्तान की टीम स्टार खिलाड़ियों से भरी रही है। जावेद मियांदाद, इमरान खान, वसीम अकरम, वकार यूनुस, आमिर सोहेल, इंजमाम उल हक, शोएब अख्तर, मिस्बाह उल हक, शाहिद अफरीदी, यूनुस खान, यूसुफ योहाना अपने नाम के लिए नहीं बल्कि खेल और टेंपरामेंट के कारण जाने जाते थे। आज की पाकिस्तानी टीम कुछेक खिलाडिय़ों के इर्द-गिर्द घूमती है।
पाकिस्तान क्रिकेट की घरेलू दिक्कतें
आज भारत की टीम को क्रिकेट के सभी प्रारूपों में विश्व की बेहतरीन टीमों में गिना जाता है तो इसका श्रेय भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआइ) के घरेलू क्रिकेट के बढ़िया ढांचे को जाता है। वीनू मांकड़ ट्रॉफी, कूचबिहार ट्रॉफी से लेकर रणजी, विजय हजारे और सैय्यद मुश्ताक अली टी20 प्रतियोगिता ने भारत को कई शानदार खिलाड़ी दिए हैं। इंडियन प्रीमियर लीग विश्व की सबसे बड़ी लीग है। कई विदेशी खिलाड़ी यह मानते हैं कि आइपीएल का दबाव किसी विश्व कप के जैसा ही होता है। पाकिस्तान में भी घरेलू प्रतियोगिताएं होती हैं लेकिन भ्रष्टाचार और धांधली चरम पर बताई जाती है। पैसों का अभाव भी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के हाथों को बांध कर रखता है।
बजट का अभाव
पाकिस्तान की क्रिकेट का बड़ा संकट पैसों का अभाव है। पाकिस्तान की जीडीपी पस्त है। कुछ आतंकी और सियासी घटनाओं का असर यह भी हुआ कि भारत सहित अन्य देशों ने पाकिस्तान का दौरा करना बंद कर दिया। हालांकि, अब धीरे-धीरे टीमें वहां जाना शुरू कर चुकी हैं। लेकिन, कम घरेलू मुकाबलों की वजह से कमाई हाथ नहीं लगती। बीसीसीआइ आज सबसे अमीर बोर्ड है और इसका असर अंतररष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) और एशियन क्रिकेट परिषद (एसीसी) पर भी दिखता है। एशिया कप 2023 में मेजबान होने के बाद भी पाकिस्तान को भारत से मुकाबला खेलने के लिए श्रीलंका तक का सफर करना पड़ा। इसके पीछे भी बीसीसीआइ की पावर छिपी है।
कमजोर टीमों से खेल
पाकिस्तान की टीम को अधिकतर जिम्बाब्वे जैसी कमजोर टीमों के खिलाफ अधिक मुकाबले खेलने के लिए ट्रॉल किया जाता है। क्रिकेट के पंडित कहते हैं कि पाकिस्तान के बल्लेबाज जिम्बाब्वे या नेपाल जैसी टीमों के साथ तैयारी करते हैं, इसीलिए बड़े मुकाबलों में दबाव महसूस करते हैं। पाकिस्तान को हमेशा ही एक अप्रत्याशित टीम माना गया है, लेकिन इस टैग का नुकसान यही है कि टीम से हमेशा जीत की उम्मीद नहीं लगाई जा सकती। अगर बेस्ट टीमों के खिलाफ जीतना है, तो बेस्ट के खिलाफ खेलना भी होगा। आप केवल रिकॉर्ड कायम करने के लिए कमजोर टीमों के साथ शृंखला नहीं खेल सकते।
अब तक के मुकाबले
1992 विश्व कप, (43 रन से जीता भारत)
1992 में सिडनी में खेले गए भारत-पाकिस्तान मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सचिन तेंडुलकर के 54 रन की मदद से 216 रन बनाए थे। जवाब में पाकिस्तान की टीम 173 रन तक पहुंच सकी थी। मैच के दौरान जावेद मियांदाद भारतीय विकेटकीपर किरण मोरे की नकल करते हुए कूदते हुए नजर आए, जो अब तक की सबसे दिलचस्प घटनाओं में से एक है।
1996 विश्व कप (39 रन से जीता भारत)
बेंगलूरू में खेले गए मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 287 रन बनाए, जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू ने सर्वाधिक 93 रन बनाए। भारत की अच्छी गेंदबाजी के सामने पाकिस्तान टीम नौ विकेट पर 248 रन बनाने में कामयाब रही। मगर यह मैच आमिर सोहेल और वेंकटेश प्रसाद के लिए जाना जाता है। आमिर सोहेल ने चौका लगाकर प्रसाद की गेंद काे रास्ता दिखाया तो प्रसाद ने अगली ही गेंद पर सोहेल का विकेट उखाड़ दिया और उन्हें पवेलियन का रास्ता दिखाया।
1999 विश्व कप (47 रन से जीता भारत)
विश्व कप 1999 में मैनचेस्टर में हुआ भारत और पाकिस्तान का मैच करगिल युद्ध की छाया में हुआ। राहुल द्रविड़ और मोहम्मद अजहरुद्दीन के अर्धशतकों के बाद भारत ने छह विकेट पर 227 रन का छोटा स्कोर खड़ा किया। प्रसाद ने एक बार फिर कमान संभाली और 27 रन देकर पांच विकेट झटके। इस तरह पाकिस्तान की पारी 180 रन पर सिमट गई।
2003 विश्व कप (6 विकेट से जीता भारत)
विश्व कप 2003 में सेंचुरियन में खेला गया यह मैच सचिन तेंडुलकर के अपर कट के लिए प्रसिद्ध है। सचिन ने अकरम, शोएब अख्तर और वकार यूनुस की पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी तिकड़ी का मुंहतोड़ जवाब दिया। सईद अनवर के 101 रनों की बदौलत पाकिस्तान ने 273 रन का स्कोर बनाया लेकिन तेंडुलकर की 75 गेंद में 98 रन की पारी उस पर हावी रही। भारत की छह विकेट की जीत में युवराज सिंह ने भी नाबाद 50 रन बनाए।
2011 विश्व कप (29 रनों से जीता भारत)
भारत की टीम सेमीफाइनल मुकाबले में पाकिस्तान से भिड़ी। यह प्रेशर मुकाबला मोहाली में खेला गया। सचिन ने 85 रनों की पारी खेली और इंडिया ने 260 रनों का स्कोर खड़ा किया। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज वहाब रियाज ने 46 रन देकर पांच विकेट झटके थे। पाकिस्तान भले 231 रन पर ऑल आउट हो गया लेकिन मिस्बाह उल हक के आखिरी विकेट तक रोमांच बना हुआ था।
2015 विश्व कप (76 रनों से जीता भारत)
विश्व कप 2015 में एडिलेड में खेले गए मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 300 रनों का अच्छा स्कोर बनाया। कोहली की 107 रन की शानदार पारी और शिखर धवन तथा सुरेश रैना के अर्द्घशतक से टीम इंडिया ने पाकिस्तान को अच्छा लक्ष्य दिया। तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने चार विकेट लिए, जिससे पाकिस्तान 224 रन पर ढेर हो गया।
2019 विश्व कप (89 रनों से जीता भारत)
पाकिस्तान को 2019 में रोहित के तूफानी तेवरों का सामना करना पड़ा, जिन्होंने 113 गेंद में 140 रन की पारी खेली। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 336 रन बनाए वहीं पाकिस्तान 40 ओवर में 212 रन बना सकी। बारिश के कारण लागू हुए डकवर्थ लुईस नियम के चलते पाकिस्तान 89 रनों से मुकाबला हार गई।
2023 विश्व कप (7 विकेट से जीता भारत)
अहमदाबाद में खेले गए मुकाबले में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए महज 191 रन बनाए। बुमराह, जडेजा, सिराज, हार्दिक और कुलदीप की गेंदबाज़ी के आगे कोई बल्लेबाज ज्यादा देर तक क्रीज पर नहीं टिक सका। भारत ने रोहित शर्मा की तूफानी पारी (86 रन, 63 गेंद) की बदौलत 30.3 ओवर में ही मैच जीत लिया।