आईपीएल-6 स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत, अन्य को नोटिस
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने निचली अदालत से 25 जुलाई को क्लीनचिट पाने वाले सभी 36 प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए। न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर निर्धारित की है। उच्च न्यायालय ने दो सितंबर को अपील करने वाली दिल्ली पुलिस की ओर से दायर याचिका पर निचली अदालत का रिकार्ड भी मांगा है।
निचली अदालत के फैसले में कहा गया था कि जांचकर्ता प्रथमदृष्टया महाराष्ट संगठित अपराध रोकथाम कानून (मकोका) के तहत सभी साक्ष्य पेश करने में नाकाम रहे। निचली अदालत ने कुछ बुकी सहित 36 आरोपियों के खिलाफ सभी आरोपों को यह कहते हुए खत्म कर दिया था कि दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ मामले में घोषित अपराधी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके करीबी सहयोगी छोटा शकील के द्वारा चलाए जाने वाले अपराध गिरोह के साथ संदीप नामक एक व्यक्ति और उनके बीच किसी साठगांठ को साबित करने में नाकाम रहा।
तीन अन्य आरोपी - जावेद चुटानी, सलमान और एहतेशाम पाकिस्तानी नागरिक है और पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाई। दिल्ली पुलिस ने अपील में दलील दी है कि आरोपियों को जिस तर्क के आधार पर छोड़ा गया वह सही नहीं है। अपील में यह दलील भी दी गयी है कि निचली अदालत मकोका के प्रावधानों की व्याख्या कर पाने में पूरी तरह नाकाम रही और अपराध गिरोहों तथा जिस तरह से लगाए गए आरोपों पर चर्चा हुयी उस पर फिर विचार किया जाना चाहिए।
इसके साथ ही 6,000 पन्नों के आरोपपत्र में आइपीएल राजस्थान राॅयल टीम के हिस्सा और अपराध में कथित संलिप्तता के आरोप में आजीवन प्रतिबंध का सामना करने वाले तीनों क्रिकेटरों के साथ ही कई सटोरियों सहित 36 लोगों का नाम है।
आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि मकोका के साथ ही आईपीसी की धारा 120 बी (साजिश) के साथ 419 (धोखाधड़ी), 420 (जालसाजी) के तहत अपराध के लिए मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।