क्या दुबई में सारे मैच खेलना टीम इंडिया के लिए फायदेमंद? रोहित शर्मा ने दिया ये तगड़ा जवाब
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने इस धारणा को खारिज किया कि पूरे टूर्नामेंट में दुबई में खेलने से उनकी टीम को कोई खास फायदा मिल रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह उनका घरेलू मैदान नहीं है और हर मैच में पिच का स्वभाव अलग होने के कारण उन्हें भी अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित ने कहा, "यह हमारा घर नहीं, यह दुबई है। हमने यहां ज्यादा मैच नहीं खेले हैं, और हर बार हमें पिच से अलग तरह की चुनौती मिलती है।"
उन्होंने बताया कि अब तक खेले गए तीनों मैचों में विकेट का व्यवहार अलग-अलग रहा है, जिससे टीम को हर बार नए हालात के अनुरूप ढलना पड़ा है।
कुछ पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि भारत को सभी मैच एक ही स्थान पर खेलने से परिस्थितियों को बेहतर तरीके से समझने का फायदा मिला है। लेकिन रोहित ने इसे नकारते हुए कहा कि यहां कई तरह की पिचों का इस्तेमाल हो रहा है और टीम को हर बार नए सिरे से तैयारी करनी होती है।
उन्होंने कहा, "हमें नहीं पता कि सेमीफाइनल किस पिच पर खेला जाएगा, लेकिन जो भी स्थिति होगी, हमें खुद को ढालना होगा।"
न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी ग्रुप मैच का उदाहरण देते हुए रोहित ने बताया कि जब भारतीय गेंदबाज गेंदबाजी कर रहे थे, तो स्विंग मिल रही थी, जबकि पहले दो मैचों में ऐसा नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पिचों में गेंदबाजों के लिए ज्यादा मदद होती, तो मुकाबले और रोमांचक बन सकते थे।
टीम में पांच स्पिनरों को शामिल करने के फैसले पर रोहित ने कहा कि यह दुबई की पिचों को ध्यान में रखकर किया गया था।
उन्होंने कहा, "हमने ILT20 टूर्नामेंट देखा था और हमें अंदाजा था कि स्पिनर्स अहम भूमिका निभा सकते हैं। हमारे पास ऋषभ पंत के रूप में एक अतिरिक्त बल्लेबाज भी मौजूद है, इसलिए हमने अतिरिक्त स्पिनर चुने।"