यह मेरा या रवि का नहीं, खिलाडि़यों का मामला है : कुंबले
बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति के तीन सदस्यों में से एक सौरव गांगुली उस समय मौजूद नहीं थे जब शास्त्री का साक्षात्कार चल रहा था जिससे भारतीय टीम के पूर्व टीम निदेशक नाराज हो गए थे। कोच के रूप में पहले दिन मीडिया से बात करते हुए कुंबले ने कहा कि वह या शास्त्री या कोई और अधिकारी उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितने खिलाड़ी।
टीम इंडिया के कोच के रूप में पहली प्रेस कांफ्रेंस में कुंबले ने कहा, मुख्य कोच चुने जाने के बाद मैंने सबसे पहले रवि को फोन किया था। उसने भारतीय टीम के साथ शानदार काम किया था। और यह मेरी या रवि या किसी और की बात नहीं है। यह खिलाडि़यों और टीम की बात है। कुंबले ने कहा, मेरे नजरिये से हम सभी चाहते हैं कि भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन करे और अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाए। हम सभी का मानना है कि भारतीय टीम में तीनों प्रारूपों में दबदबा बनाने की क्षमता है। वह इस यात्रा का हिस्सा रहा है और अब मैं इस यात्रा का हिस्सा हूं। मुझे यही कहना है। उसने मुझे बधाई दी और मैंने उसे कहा कि हमारी टीम शानदार है। कुंबले ने कहा, कल कोई और हो सकता था। मैं यहां इस भूमिका में स्थायी नहीं हूं। मेरे पास अंतर पैदा करने का मौका है और मेरे पार इस यात्रा का हिस्सा बनने का मौका है। मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि इस यात्रा का हिस्सा हूं। पद के लिए अनदेखी होने के बाद शास्त्री ने कहा था कि गांगुली ने उनका और जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई थी उसका अपमान किया।