35 साल बाद भी क्रिकेट राजनीति में अब्दुल्ला नॉट आउट
पिछले 35 साल से जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद पर काबिज फारूख अब्दुल्ला को हटाने की कोशिशों को बड़ी कामयाबी मिली, लेकिन अदालत से झटका भी लगा है। सोमवार को राज्य के खेल मंत्री इमरान अंसारी को निर्विरोध जेकेसीए का नया अध्यक्ष चुना गया है। लेकिन इस चुनाव पर जम्मू-कश्मीर की एक अदालत ने रोक लगा दी है। इस तरह अभी अब्दुल्ला जेकेसीए के अध्यक्ष बने रहेंगे।
गौरतलब है कि वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों से घिरे फारूख अब्दुल्ला ने इस बार चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया था। सन 1980 में अब्दुल्ला पहली बार जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ से अध्यक्ष बने थे और तब से जेकेसीए पर उन्हीं का कब्जा रहा है। पिछले 35 साल में यह पहला मौका है जबकि जेकेसीए का नियंत्रण फारूख अब्दुल्ला के बजाय किसी और के हाथ में जा सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार, जेकेसीए से जुड़े 64 क्रिकेट क्लबों में से 42 ने अध्यक्ष पद के चुनावों में हिस्सा लिया। लेकिन अदालत ने नई पदाधिकारियों के कार्यभार संभालने पर रोक लगा दी है। फारूख अब्दुल्ला ने जेकेसीए के इस चुनाव को गैर-कानूनी करार देते हुए दावा किया है कि अभी उनका तीन साल का कार्यकाल बाकी है। जेकेसीए में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए राज्य के पूर्व रणजी खिलाड़ी माजिद याकूब डार ने एक जनहित याचिका भी दायर की हुई है।