विश्वकप फाइनल के सुपर ओवर के दौरान हुआ जिमी नीशम के शिक्षक का निधन, नीशम ने दी श्रद्धांजलि
जब न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर जिमी नीशम इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप फाइनल के सुपर ओवर में अपनी टीम को जीत दिलाने की कोशिश कर रहे थे, तब उनके हाई स्कूल के शिक्षक और फॉर्मेटिव कोच डेविड गॉर्डन ने अपने घर में आखिरी सांस ली। आईसीसी वर्ल्ड कप का फाइनल मैच वाकई में सासें थाम देने वाला जरूर था, लेकिन सुपर ओवर में छ्क्का मारने वाले नीशम ने कभी नहीं सोचा होगा कि उसी समय उनके टीचर और मेंटर का स्वर्गवास हो जाएगा।
नीशम के छक्का जमाते ही ली थी अखिरी सांस
बता दें कि 14 जुलाई को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच फाइनल मुकाबला खेला गया था। इंग्लैंड ने ज्यादा बाउंड्री जमाने के कारण पहली बार विश्व कप की ट्रॉफी जीती। कीवी टीम लगातार दूसरी बार विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी। गॉर्डन की बेटी लियोनी ने बताया कि जब नीशम ने सुपर ओवर की दूसरी गेंद पर छक्का जमाया तो उनके पिता ने सांस लेना बंद कर दिया। न्यूजीलैंड की टीम सुपर ओवर में 16 रन का पीछा कर रही थी।
एक वेबसाइट ने लियोनी के हवाले से कहा कि एक नर्स अंतिम ओवर में आई थी। सुपर ओवर में। उसने कहा कि पिता की सांसें बदल रही हैं। आपको बताऊं, मेरे ख्याल से जब जिमी नीशम ने छक्का जमाया तो पिता ने अंतिम सांस ली। मेरे पिता काफी मजाक करत थे और वह शानदार व्यक्ति थे।
नीशम ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि
नीशम ने गुरुवार को अपने कोच को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया कि डेव गॉर्डन, मेरे हाई स्कूल टीचर, कोच और दोस्त। आपका खेल के प्रति लगाव शानदार रहा। हम भाग्यशाली रहे कि आपके मार्गदर्शन में खेल सके। कितना अच्छा होता कि आप इस तरह के मैच के लिए रूके होते। उम्मीद है कि आपको गर्व होगा। हर चीज के लिए धन्यवाद।
नीशम के करिअर को फॉलो करते थे
इस ट्वीट से भावुक होकर गॉर्डन की बेटी ने कहा कि गॉर्डन जिमी के संपर्क में रहते थे और वह जिमी के पिता के दोस्त भी थे। उन्होने निश्चित ही नीशम के करिअर को फॉलो किया होगा। जिमी नीशम के लिए उनके मन में हमेशा से ही एक नरम स्थान था, उन्हें उस पर बहुत गर्व था। गॉर्डन ने जिमी नीशम के अलावा लोकी फर्ग्यूसन और कई स्टूडेंट्स को खेल में आगे बढ़ाया है। उन्होंने 25 साल से ज्यादा काम किया और क्रिकेट व हॉकी के गुर सिखाए।
बच्चों को कहा था खेल को न चुनें
याद हो कि विश्व कप फाइनल में हार के बाद जिमी नीशम काफी निराश हुए थे। फाइनल में खिताबी हार से आहत नीशम ने ट्विटर के जरिये अपनी निराशा व्यक्त की थी। उनके ट्वीट से समझ आया कि वह इस हार से कितना बिखर गए हैं। नीशम ने अपनी ट्वीट में बच्चों को कहा कि खेल को नहीं चुनना। उन्होंने साथ ही अपना ह्रयूमर भी इसमें जोड़ा और आगे लिखा कि बेकिंग या फिर कुछ और चुनना। 60 की उम्र में खुश रहकर और मोटा होकर दुनिया से विदा लेना।