12 साल बाद दिनेश कार्तिक ने टीम में बनाई जगह, कहा- सपना हुआ साकार
विकेटकीपर दिनेश कार्तिक और ऑलराउंडर विजय शंकर ने विश्व कप टीम में चयन होने पर खुशी जताई है। कार्तिक ने कहा कि विश्व कप टीम में शामिल होना सपने के साकार होने जैसा है। मैं इसके लिए बहुत उत्साहित हूं। बहुत दिनों बाद इस टीम (विश्व कप) का सदस्य होने पर खुश हूं। कार्तिक 2007 विश्व कप टीम में चुने गए थे, लेकिन एक भी मैच नहीं खेल पाए थे। इसके बाद 2011 और 2015 विश्व कप टीम में उनका चयन नहीं हुआ था। कार्तिक 12 साल बाद भारत के लिए विश्व कप टीम में लौटे हैं।
शंकर भी हैं बेहद खुश और उत्साहित
2019 विश्व कप टीम में शामिल होने पर विजय शंकर भी बेहद खुश और उत्साहित थे। उन्होने कहा कि विश्व कप के लिए मेरा चयन होने पर मैं बहुत खुश हूं। यह एक सपने के साकार होने जैसा है। सनराइजर्स हैदराबाद टीम में विश्व कप विजेता टीम के कुछ सदस्य भी हैं। मैं उनसे यह सीख रहा हूं कि वहां दबाब का सामना कैस किया जा सकता है।
वास्तव में टीम का हिस्सा बनना चाहता था
कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान कार्तिक ने कहा कि एक टीम के तौर पर हमने कई उपलब्धियां हासिल की है। मैं वास्तव में इस टीम का हिस्सा बनना चाहता था। 33 साल के कार्तिक ने 91 वनडे में 31 की औसत से 1738 रन बनाए हैं। उन्होने भारत को कई महत्वपूर्ण मैचों में जीत भी दिलाई है। किसी भी दबाव भरी स्थिति में वे खुद को शांत रख कर अच्छा खेलते हैं जिसके चलते उन्हे एक बेहतरीन फिनिशर भी माना जाता है। कहीं ना कहीं यही एक कारण है जिस वजह से उन्हे पंत पर तरजीह दी गई है।
प्रसादने बताया क्यों चुने गये कार्तिक
चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने भी उनके इसी कौशल की दुहाई दी। उन्होने कहा कि कार्तिक को उनके अनुभव और मुश्किल परिस्थितियों में दबाव को संभालने की क्षमता के कारण पसंद किया गया था। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि विकेटकीपिंग में पंत के खराब प्रदर्शन ने भी उनके टीम में ना लिए जाने पर एक अहम भूमिका निभाई।
धोनी के घायल होने पर ही खेल पाऐंगे
उन्होने मीडिया बातचीत के दौरान कहा कि चयन समिति के बीच जिस स्थिति पर चर्चा की गई थी, वह यह है कि उनमें से एक (पंत या कार्तिक) केवल ग्यारह में तभी खेलेंगे यदि एमएस (धोनी) घायल हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में मुश्किल मैचों में कौन ऐसा खिलाड़ी है जो दबाव को संभाल सकता है। यही कारण है कि हमारा फैसला कार्तिक के पक्ष में गया, अन्यथा पंत प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और उनके पास अभी बहुत समय भी है।
पंत का ना चुना जाना दुर्भाग्यपूर्ण: प्रसाद
हालांकि पंत के न चुने जाने पर उन्होने दुख भी प्रकट किया और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह (पंत) टीम में जगह बनाने में चूक गए। प्रसाद ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत के कप्तान विराट कोहली के साथ पांच चयनकर्ताओं ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया और एक अन्य कारक जो कार्तिक के पक्ष में गया, वह मैच को फीनिश करने की उनकी क्षमता थी।
अनुभव और मैच खत्म करने की क्षमता से मिला फायदा
उन्होने बताया कि अगर एक महत्वपूर्ण मैच है, जैसे क्वार्टरफाइनल या सेमीफाइनल की तरह तो ऐसे में विकेटकीपिंग भी मायने रखती है। यही कारण है कि हम कार्तिक के साथ आगे बढ़े, अन्यथा पंत का चुना जाना लगभग तय था। दबाव में, हमने कार्तिक को मैच खत्म करते हुए देखा है और यही चीज उनके पक्ष में भी गई। जहां पंत ने अब तक भारत के लिए केवल पांच एकदिवसीय मैच खेले हैं, तो वहीं कार्तिक एक पुराने खिलाड़ी हैं उन्होने 91 एकदिवसीय मैच खेले हैं।