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07 December 2016

हाकी, फुटबाल की तरह क्रिकेट में भी रेड कार्ड की सिफारिश

गूगल

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक ब्रेयरली की अगुआई में एमसीसी की विश्व क्रिकेट समिति की दो दिवसीय बैठक आज समाप्त हुई जिसमें यह भी सुझाव दिया गया कि क्रिकेट के मैदान पर आक्रामक गतिविधि के लिए सजा के तौर पर फुटबाल-हाकी की तरह रेड कार्ड शुरू किया जाए।

समिति ने गेंद से छेड़छाड़ के नियमों पर भी चर्चा की लेकिन उनका मानना था कि इसमें बदलाव की जरूरत नहीं है। ब्रेयरली, आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग, पाकिस्तान के पूर्व सलामी बल्लेबाज रमीज राजा और एमसीसी के क्रिकेट प्रमुख जान स्टीफनसन ने आज बताया कि टेस्ट क्रिकेट को पांच दिन से चार दिन का करने पर सहमति नहीं बनी।

समिति ने इसके अलावा खेल की वैश्विक संचालन संस्था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद से सिफारिश की कि वह विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप लागू करने की दिशा में काम जारी रखे और क्रिकेट को ओलंपिक खेलों में शामिल कराने की कोशिश करता रहे। पैनल ने साथ ही क्षेत्ररक्षक के हेलमेट से गेंद से टकराने पर नियम में बदलाव की भी घोषणा की।

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ये सभी सिफारिशें एमसीसी की मुख्य समिति को भेजी जाएंगी और अगर इन्हें स्वीकृति मिली तो ये बदलाव क्रिकेट के कानून की नयी संहिता में शामिल किए जाएंगे जो एक अक्तूबर 2017 से लागू होगी। बल्ले का आकार सीमित करने पर पोंटिंग ने कहा कि दुनिया के 60 प्रतिशत पेशेवर खिलाडि़यों ने बल्लों के किनारे को 40 मिमी, गहराई को 67 मिमी और वक्र को सात मिमी तक सीमित करने के फैसले का समर्थन किया है।

पोंटिंग ने कहा, हम किनारों को 38 से 42 मिमी तक सीमित करना चाहते हैं। कुछ खिलाडि़यों के बल्ले के किनारे 50 मिमी से अधिक हैं। हमने जो सुझाव दिया उससे हम खुश है क्योंकि इससे बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनेगा। हमने देखा है कि बल्ले के किनारों से लगकर गेंद छह रन के लिए चली जाती है। हालांकि बल्ले का आकार सीमित करने के बावजूद बड़े हिटर छक्के लगा पाएंगे।

गेंद से छेड़छाड़ के नियमों में हालांकि कोई बदलाव नहीं किया गया है। खिलाडि़यों को रेड कार्ड दिखाए जाने के सवाल पर ब्रेयरली ने कहा कि यह डराने का काम करेगा।

इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज ब्रेयरली ने कहा, हमने येलो कार्ड (अस्थाई निलंबन) पर भी चर्चा की लेकिन बाद में इसके खिलाफ फैसला किया। रेड कार्ड बेहद चरम मामलों में भी दिखाया जाएगा।

सुझाव के अनुसार अनुशासन के गंभीर उल्लंघन के मामले में अंपायरों को क्रिकेटरों को मैच से बाहर करने का अधिकार होगा।

खिलाड़ी को अंपायर को धमकाने, अन्य खिलाड़ी, अंपायर, अधिकारी या दर्शक को शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने या खेल के मैदान पर अन्य हिंसक गतिविधि के लिए बाहर किया जा सकता है।

इस बड़े बदलाव का कारण यह है कि समिति का मानना है कि क्रिकेट ऐसा खेल है जिसमें खिलाड़ी के बुरे बर्ताव के लिए अंपायर के पास मैदान पर देने के लिए कोई सजा नहीं है। समिति ने कहा कि क्षेत्ररक्षक के हेलमेट से गेंद के टकराने से जुड़े नियम में बदलाव के अनुसार क्षेत्ररक्षक ने अगर हेलमेट पहना हुआ है तो उससे गेंद के टकराने के बाद कैच और स्टंप किए जा सकते हैं। फिलहाल विकेटकीपर के पैड से टकराकर कैच और स्टंप किए जा सकते हैं जबकि इसे पहनना वैकल्पिक है और ऐसे में यह अनुचित लगता है कि हेलमेट से गेंद के टकराने पर ऐसी स्वीकृति नहीं दी जाए जिसे पहनना कुछ देशों में अनिवार्य है।

समिति ने चार दिवसीय टेस्ट और दिन रात्रि टेस्ट पर भी चर्चा की लेकिन सहमति नहीं बनी।

क्रिकेट को ओलंपिक खेल में शामिल कराने का प्रयास करने पर समिति ने कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख अनुराग ठाकुर से इस बारे में अलग से बात की गई और उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वे चर्चा कर सकते हैं।

क्रिकेट को ओलंपिक, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों जैसे कई खेलों वाले खेलों में शामिल करने का अतीत में बीसीसीआई विरोध कर चुका है। समिति की अगली बैठक तीन और चार जुलाई को लंदन के लार्ड्स में होगी।

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TAGS: बल्ले का आकार, क्रिकेट, रेड कार्ड
OUTLOOK 07 December, 2016
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