न्यूजीलैंड, इंग्लैंड को 2019 क्रिकेट विश्व कप ट्रॉफी साझा करनी चाहिए थी: गौतम गंभीर
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि पिछले साल के विश्व कप में न्यूजीलैंड के प्रदर्शन में सबसे अधिक निरंतरता थी और वे इंग्लैंड के साथ टूर्नामेंट का संयुक्त विजेता बनने के हकदार थे। लॉर्ड्स में खेले गए ऐतिहासिक फाइनल में न्यूजीलैंड को बाउंड्री गिनने के नियम के आधार पर मेजबान इंग्लैंड ने हराया था, क्योंकि पहले नियमित ओवरों और फिर सुपर ओवर के बाद भी मैच टाई रहा था। इंग्लैंड ने फाइनल में कुल 26 बाउंड्री लगाई थी जबकि न्यूजीलैंड की टीम 17 बाउंड्री ही लगा पाई थी।
न्यूजीलैंड को विश्व चैंपियन का तमगा ना मिलना दुर्भाग्यशाली था
क्रिकेटर से राजनेता बने गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम 'क्रिकेट कनेक्टेड' पर कहा, ''पिछली बार विश्व कप के संयुक्त विजेता होने चाहिए थे। न्यूजीलैंड को विश्व चैंपियन का तमगा मिलना चाहिए था लेकिन यह दुर्भाग्यशाली था।'' पूर्व सलामी बल्लेबाज गंभीर का मानना है कि न्यूजीलैंड ने विश्व कप में हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन उन्हें वह श्रेय नहीं मिला जिसके वे हकदार हैं।
उनके प्रदर्शन में काफी निरंतरता है
उन्होंने कहा, ''अगर आप उनका ओवरआल रिकार्ड देखो तो उनके प्रदर्शन में काफी निरंतरता है। पिछले दो विश्व कप में वे उप विजेता रहे और उनके प्रदर्शन में काफी निरंतरता है।'' गंभीर ने कहा, ''मुझे लगता है कि वे जिन भी परिस्थितियों में खेले काफी प्रतिस्पर्धी रहे। हमने उन्हें पर्याप्त श्रेय नहीं दिया।''
हास्यास्पद नियम की जमकर आलोचना हुई थी
बता दें कि आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल मैच सुर्खियों में काफी वक्त तक छाया रहा था। इसकी वजह था- आईसीसी का सुपर ओवर में बाउंड्री नियम। चौके-छक्के गिनकर विश्व कप विजेता का निर्धारण करने वाले आईसीसी के हास्यास्पद नियम की जमकर आलोचना हुई थी, जिस नियम की वजह से लॉर्डस पर फाइनल मैच में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को हराया। दोनों ही टीमों की ओर से खेले गए 50-50 ओवरों में मैच का नतीजा नहीं निकल सका, जिसके बाद चैंपियन का फैसला करने के लिए आईसीसी ने सुपर ओवर का नियम इस वर्ल्ड कप में लागू किया।
इंग्लैंड को बाउंड्री के आधार पर जीत
मैच सुपर ओवर की 6-6 गेंदों तक भी पहुंचा लेकिन वहां भी जबरदस्त रोमांच देखने को मिला और आखिरकार दोनों ही टीमें 15-15 के बराबर ही रन बना सकी। मैच में दोनों टीमों के 51-51 ओवर खेलने के बाद भी जब फैसला नहीं हुआ तो इंग्लैंड को बाउंड्री के आधार पर जीत हासिल हुई। आईसीसी के इस नियम की क्रिकेट जगत में जमकर आलोचना हुई थी।