अब भी भारत से श्रृंखला की उम्मीद पाले है पाकिस्तान
सेठी ने जियो सुपर चैनल से कहा, मुझे लगता है कि भारतीय बोर्ड भी चाहता है कि श्रृंखला हो। अगर वे नहीं चाहते तो वे हमें मुंबई में बातचीत के लिए आमंत्रित ही नहीं करते। सेठी ने कहा कि यह माना जा सकता है कि भारतीय बोर्ड दबाव में आ गया जब शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने मुंबई के बोर्ड के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सोचा होगा कि यह बेहतर है कि इस समय पीसीबी प्रतिनिधिमंडल से बातचीत नहीं की जाए।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन जब मैं और सुभान (मुख्य संचालन अधिकारी) सोमवार को मुंबई से दुबई के लिए रवाना हुए तो उन्होंने हमें हवाई अड्डे तक सुरक्षा मुहैया कराई।’ सेठी ने साथ ही कहा कि बीसीसीआई एक अधिकारी के जरिये उन्हें सूचना देता रहा। पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान के स्वदेश में प्रेस कांफ्रेंस करके भारत की यात्रा के दौरान मेहमाननवाजी नहीं होने के संदर्भ में दिए बयान के बारे में पूछने पर सेठी ने कहा कि वह इस पूर्व राजनयिक के नजरिये को समझ सकते हैं क्योंकि वह निराश थे कि बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर ने उन्हें सीधे फोन नहीं किया।
सेठी हालांकि इस बात से सहमत दिखे कि भारतीय बोर्ड और सरकार को शिवसेना के विरोध और भारत में पाकिस्तानी नागरिकों को खतरे पर गंभीरता से गौर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर यह छवि बनती है कि भारतीय बोर्ड और सरकार अतिवादियों के एक समूह के खिलाफ मजबूर है तो समस्या होगी क्योंकि भारत को अगले साल विश्व टी-20 की मेजबानी करनी है।’ सेठी ने कहा कि पाकिस्तानी अंपायर अलीम डार को वापस बुलाने का आईसीसी का फैसला भारतीय क्रिकेट पर दाग है।
उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे कह सकता हूं कि भारतीय बोर्ड हमारे साथ खेलना चाहता है, उनके इरादे पर हमें कोई संदेह नहीं है लेकिन अब उन्हें फैसला करना होगा कि इस मामले से कैसे निपटना है क्योंकि गेंद उनके पाले में है। मैं उम्मीद करता हूं कि अगले हफ्ते के आसपास वे हमें जवाब देंगे और हम किसी तटस्थ स्थान पर बातचीत के लिए तैयार हैं।’ यह पूछने पर कि क्या पीसीबी सुरक्षा खतरे को देखते हुए विश्व टी-20 से हटने पर विचार कर सकता है, सेठी ने कहा कि इस बारे में प्रतिक्रिया देना जल्दबाजी होगी।