Advertisement
12 December 2016

मुंबई दंगों के दौरान एक परिवार को बचाया था गावस्कर ने

गूगल

भारत की ओर से 11 वनडे खेलने वाले जूनियर गावस्कर ने कहा, उनकी एक और विशेषता उनका साहस है। मैं यह कह सकता हूं क्योंकि 1993 में बम धमाकों के बाद यह घटना हुई जिसका मुझ पर बड़ा असर पड़ा। हम धमाकों के बाद एक दिन अपनी छत पर खड़े थे जब हमने देखा कि गुस्साए लोगों ने एक परिवार को घेर लिया। हमें पता था कि परिवार के प्रति उनके इरादे अच्छे नहीं थे और पापा ने यह देख लिया, वह नीचे दौड़े और भीड़ का सामना किया।

उन्होंने कहा, उन्होंने भीड़ से कहा कि आपको इस परिवार के साथ जो करना है करो, लेकिन पहले मेरे साथ वैसा करना होगा और इसके बाद सदबुद्धि आई और परिवार को जाने दिया गया। अपने जीवन को खतरे में डालकर भीड़ का सामना करने के लिए विशेष साहस की जरूरत होती है और मुझे लगता है कि अपने करियर के दौरान बिना हेलमेट के उन तेज गेंदबाजों के सामना करने के लिए भी विशेष साहस चाहिए था।

समारोह के दौरान गावस्कर ने बताया कि वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज गैरी सोबर्स 1971 में अजित वाडेकर की कप्तानी में उनकी पहली श्रृंखला में भाग्य के लिए उन्हें छूते थे और कैसे कप्तान ने अंतिम टेस्ट में सोबर्स को रोकने के लिए उन्हें शौचालय में बंद कर दिया था।

भाषा

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Cricket legend, Sunil Gavaskar, "courage", save a family, Mumbai riots, Life Time Achievement Award, रोहन गावस्कर, सुनील गावस्कर, मुंबई दंगे
OUTLOOK 12 December, 2016
Advertisement