सचिन तेंडुलकर ने खोला एक बड़ा राज, बताया कितनी विनतियों के बाद मिला था ओपनिंग करने का मौका
क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंडुलकर को सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। सचिन तेंडुलकर ने अपने करिअर के ‘टर्निंग पॉइंट’ को याद करते हुए कहा कि 1994 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे में भारत के लिए पारी का आगाज करने के लिए उन्हें ‘विनती’ करनी पड़ी थी। तेंडुलकर के लिए मध्यक्रम बल्लेबाजी से हटकर पारी का आगाज करने का कदम ‘मास्टरस्ट्रोक’ साबित हुआ था, जिससे वह 50 ओवर के प्रारूप में विश्व रिकॉर्ड 49 शतक जड़ पाए थे। अगर वे भारतीय टीम प्रबंधन से 1994 में पारी की शुरुआत करने के लिए विनती और गुजारिश नहीं करते, तो उनका करिअर अलग आकार ले सकता था।
महान बल्लेबाज की प्रतिभा पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता, लेकिन उन्हें इस तरह की शैली हासिल करने के लिए नेट्स पर घंटों अतिरिक्त प्रयास करना पड़ता था। तेंडुलकर ने हाल ही में एक मजेदार खुलासा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पास एक बेहद अलग आईडिया था जिससे भारतीय बल्लेबाज विरोधी गेंदबाजों पर हावी हो सकते थे।
वीडियो शेयर करके बताया
तेंडुलकर ने एक वीडियो शेयर करके बताया कि 1994 में जब मैंने भारत के लिए ओपनिंग शुरू की, तब सभी टीमों की रणनीति विकेट सुरक्षित रखने की होती थी। मैंने कुछ अलग सोचने का प्रयास किया। मुझे लगा कि सामने आकर गेंदबाजों पर हावी हो जाऊं। मगर इसके लिए मुझे विनती और गिड़गिड़ाना पड़ा कि मुझे ओपनिंग का एक मौका दे दो। अगर मैं फेल हुआ तो आपके पास दोबारा नहीं आउंगा।
पहली बार 49 गेंदों में 82 रन बनाए थे
सचिन अपने शब्दों पर खरे उतरे। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड में पहली बार टीम इंडिया के लिए ओपनिंग की और 49 गेंदों में 82 रन की तूफानी पारी खेली। इसी के साथ तेंडुलकर ने बतौर ओपनर अपनी जगह पक्की कर ली। तेंडुलकर ने बताया न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले मैच में मैंने 49 गेंदों में 82 रन बनाए। इसलिए मुझे दोबारा पूछना नहीं पड़ा कि ओपनिंग पर एक और मौका मिलेगा। वह मुझ से ही ओपनिंग कराना चाहते थे। मगर मैं यहां कहने की कोशिश कर रहा हूं कि कभी फेल होने से डरना नहीं चाहिए।
वनडे में49 शतक जमाए
सचिन तेंडुलकर ने बतौर ओपनर अपनी पहली पांच पारियों में क्रमश: 82, 63, 40, 63 और 73 रन की पारियां खेली थी। उन्होंने जल्द ही अपना पहला शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलंबो में जमाया था। इस मैच में तेंडुलकर ने 110 रन बनाए। इसके बाद का इतिहास सबके सामने है। तेंडुलकर ने वनडे क्रिकेट में 49 शतक जमाए और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का सैकड़ा पूरा किया। मास्टर ब्लास्टर ने वनडे में 18,426 रन बनाए, जो वनडे प्रारूप इतिहास में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सबसे ज्यादा रन हैं।
तेंडुलकर ने दिसंबर 2012 में वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। उन्होंने अपना आखिरी मैच पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप में खेला था, जहां उन्होंने भारतीय टीम की जीत में अर्धशतकीय पारी खेली थी।