खेल: क्रिकेट मैदान की दास्तान
दुनिया की एक बड़ी आबादी के लिए क्रिकेट केवल खेल नहीं, जीवन है, धर्म है, जज्बात है। भारत में क्रिकेट जुनून है। जिस दिन भारतीय टीम अपना मैच खेलती है, वह दिन लोगों के लिए किसी उत्सव की तरह होता है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी का ही नतीजा है कि लोग क्रिकेट स्टेडियम को किसी मंदिर की तरह देखते हैं। दुनिया भर में मौजूद क्रिकेट मैदानों से दिलचस्प बातें जुड़ी हुई हैं। कुछ क्रिकेट स्टेडियम इतने खूबसूरत हैं कि उनसे नजरें नहीं हटतीं। कुछ इतने विचित्र हैं कि उन्हें देखकर मन आश्चर्य से भर उठता है। क्रिकेट मैच देखने के सुखद अनुभव को ये स्टेडियम कई गुना बढ़ा देते हैं।
लॉर्ड्स क्रिकेट स्टेडियम को क्रिकेट मैदानों का मक्का कहा जाता है। यह क्रिकेट के ऐतिहासिक पलों का गवाह रहा है। कपिल देव के नेतृत्व वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 1983 में लॉर्ड्स क्रिकेट स्टेडियम में ही अपना पहला विश्व कप खिताब जीता था। इसी मैदान पर नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में इंग्लैंड को पटखनी देने के बाद महान भारतीय कप्तान और बल्लेबाज सौरभ गांगुली ने अपने जर्सी हवा में लहराई थी।
इसी तरह भारत का ईडन गार्डन क्रिकेट स्टेडियम स्मृतियों में कई यादें समेटे हुए है। 1999 में दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने जब महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर और राहुल द्रविड़ का स्टम्प उखाड़ा तो ईडन गार्डन क्रिकेट स्टेडियम में मातम छा गया। स्टेडियम के भीतर मौजूद एक लाख से अधिक क्रिकेट प्रेमियों पर बिजली-सी गिर गई थी।
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में जब 2011 में महेन्द्र सिंह धोनी के गगनचुंबी छक्के से भारत ने अपना दूसरा एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप खिताब जीता तो पूरा भारत जश्न मना रहा था। जब वानखेड़े स्टेडियम में महेन्द्र सिंह धोनी को विश्व कप की ट्रॉफी सौंपी जा रही थी, तो 120 करोड़ भारतीयों के साथ साथ वानखेड़े स्टेडियम, उसकी मिट्टी भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही थी।
साल 2006 में, भारतीय क्रिकेट टीम का जब पाकिस्तान दौरा हुआ तो, पाकिस्तान में स्थित कराची स्टेडियम में टेस्ट मैच के दौरान पहले ओवर में इरफान पठान के हैट्रिक लेने से सारे भारतीयों का दिल झूम उठा। पाकिस्तान की सरजमीं पर जाकर ऐसी जबरदस्त परफॉर्मेंस देना सचमुच खास बात थी। कराची स्टेडियम में भारतीय क्रिकेट टीम के फैंस के हाथों में लहराता तिरंगा सभी भारतीयों को भावुक कर रहा था। यह दर्शाता है कि क्रिकेट स्टेडियम जमीन का एक टुकड़ा भर नहीं होते। उनके साथ संवेदनाएं, इतिहास भी जुड़े होते हैं।