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17 October 2016

फैसला सुरक्षित : बीसीसीआई को कोर्ट की फटकार, ठाकुर ने शशांक मनोहर को लपेटा

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बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने आईसीसी सीईओ से यह कहने को कहा था कि बीसीसीआई के कामकाज में लोढा समिति की सिफारिशें सरकारी दखल के समकक्ष हैं। 

ठाकुर ने सात अक्तूबर को उच्चतम न्यायालय से मिले निर्देश के बाद सोमवार को निजी हलफनामा दाखिल किया। ठाकुर ने कहा कि उस समय बीसीसीआई अध्यक्ष रहे शशांक मनोहर ने कार्यसमिति में सीएजी प्रतिनिधि को सरकारी दखल के समकक्ष बताया था। कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में ठाकुर ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। ठाकुर ने  कहा कि दुबई में छह और सात अगस्त को आईसीसी की, फाइनेंस से जुड़े कुछ मुद्दों को लेकर बैठक थी जिसमें भाग लेने के लिए वह दुबई गए थे।

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वहां उन्होंने चेयरमैन शशांक मनोहर के सामने सवाल उठाया था कि जब वह बीसीसीआई के अध्यक्ष थे तब उनका कहना था कि जस्टिस लोढ़ा की सिफारिशों जैसे बीसीसीआई में सीएजी की नियुक्ति से बोर्ड के कामकाज में सरकार की दखलअंदाजी बढ़ जाएगी और इसके चलते उन्हें आईसीसी से सस्पेंड भी होना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि इसलिए मैंने पूछा कि आईसीसी चेयरमैन होने के नाते क्या वह इस बात पर अपना रुख साफ कर सकते हैं कि सीएजी की नियुक्ति से बीसीसीआई में सरकार का हस्तक्षेप बढ़ जाएगा। बकौल ठाकुर शशांक मनोहर ने कहा कि जब उनके बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर हुई बैठक में जब यह निर्णय लिया गया था सुप्रीम कोर्ट का इस मामले (लोढ़ा पैनल) पर कोई फैसला नहीं आया था।

हालांकि 18 जुलाई 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी किसी आशंका को खारिज कर दिया था। कोर्ट का कहना था कि चूंकि सीएजी की नियुक्ति से बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी इसलिए आईसीसी इसका स्वागत ही करेगी

कोर्ट ने बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर से निजी हलफनामा दाखिल कर लोढ़ा पैनल और सुप्रीम कोर्ट को ये बताने के लिए कहा था कि उनकी आईसीसी के चेयरमैन से इस बाबत क्या बात हुई है। आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेव रिचर्डसन ने हाल ही में मीडिया से बातचीत में ऐसा दावा किया था.

बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने मीडिया से कहा कि लोढ़ा कमिटी की अनुशंसा को लागू करने के लिए हमारे पास बहुमत नहीं था। अभी ये मामला न्यायालय में है और हम इसपर कुछ नहीं बोलेंगे। हम सभी राज्यों से इस बारे में पूछेंगे कि वो लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को मानने के लिए तैयार हैं या नहीं। लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए तीन चौथाई बहुमत की जरूरत है। बिना इसके हम ऐसा नहीं कर सकते हैं।'

अनुराग ठाकुर ने साथ ही कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट से इसे लागू करने के लिए और वक्त मागेंगे। ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा कि उन्होंने लोढ़ा पैनल की सिफारिशों का विरोध नहीं किया है। 

 

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TAGS: बीसीसीआई, सुुप्रीम कोर्ट, फटकार, लोढ़ा कमेटी, सिफारिश, lodha panel, supreme court, bcci, rule, regulation
OUTLOOK 17 October, 2016
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