Advertisement
16 November 2023

क्रिकेट: संघर्षों से निखरा जादुई शमी

इन दिनों क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी सुर्खियों में हैं। आज हर कोई उनकी कलाई, गति, स्विंग, सीम और कला की बात कर रहा है। लेकिन गेंद के इस जादूगर के संघर्ष, असफलताओं, मेहनत और संकल्प की कहानी भी कम दिलचस्‍प नहीं है। संसाधनों के अभाव में क्रिकेटर बनने के अपने सपनों को जीनेे वाले तौसीफ अली का बेटा, आज विश्व कप में भारत का श्रेष्ठ गेंदबाज बन गया है। मोहम्मद शमी खिलाड़ी से पहले एक ‘तलाकशुदा’ पति, एक पिता और खासकर एक बेटे की कहानी है।

आज हर कोई मोहम्मद शमी की शोहरत, उन्हें मिल रही चमक-धमक से प्रभावित है। लेकिन यह शोहरत बेनामी के लंबे दौर के बाद नसीब हुई है। उत्तर प्रदेश के अमरोहा में जन्मे मोहम्मद शमी घरेलू क्रिकेट में बंगाल से खेलते हैं। दरअसल, शमी का क्रिकेटर बनने का सपना, उनसे पहले उनके पिता तौसीफ अली की दूरदर्शी आंखों ने देखा था। वह पिता, जो एक जमाने में तेज गेंदबाजी का शौक और हुनर रखते थे। जिनका हुनर घर-परिवार और तमाम जिम्मेदारियों के बीच दबकर रह गया। तौसीफ ने अपने बेटे में इस हुनर की चमक देखी तो मानो दिल बाग-बाग हो उठा। जब शमी की उम्र 15 साल थी, तब उनके पिता उनकी गेंदबाजी से प्रभावित होकर मुरादाबाद के एक क्रिकेट कोच के पास लेकर गए। शमी की पेस और लाइन लेंथ ने कोच को आश्चर्यचकित तो किया लेकिन प्रतिस्पर्धा ऐसी थी कि उन्हें उत्तर प्रदेश की अंडर-19 टीम में जगह नहीं मिली।

ऐसे में कोच की सलाह को सर्वोपरि मानकर और अधिक देरी ना करते हुए तौसीफ अली, शमी को कोलकाता ले गए। यहां शमी ने डलहौजी क्लब के लिए खेलना शुरू किया। इसी दौरान, बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के एक पूर्व पदाधिकारी उनकी गेंदबाजी के फैन बन गए, जिसके बाद उन्होंने शमी को मोहन बागान क्लब भेज दिया। यहां प्रिंस ऑफ कोलकाता, सौरभ गांगुली ने शमी को गेंद फेंकते हुए देखा और बाद में उन्हीं की सिफारिश पर शमी की जगह बंगाल की रणजी टीम में बन गई।

Advertisement

2012-13 रणजी ट्रॉफी के दौरान शमी ने पांच मैचों में 21.35 की औसत से 28 विकेट चटकाए, जिसमें मध्य प्रदेश और हैदराबाद के खिलाफ दो दस विकेट शामिल थे। उन्होंने अपने पहले आठ घरेलू टी20 मैचों में 14 विकेट लिए। उन्हें 2011 के आइपीएल सीजन के लिए कोलकाता नाइट राइडर्स ने साइन किया था। हालांकि, उन्होंने पहला मैच दो साल बाद खेला। 2013 में उन्हें महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई वाली भारतीय टीम में चुन लिया गया, जिसे पाकिस्तान से एकदिवसीय शृंखला में भिड़ना था।

जनवरी 2013 में शमी ने दिल्ली के मैदान पर भारत के लिए पहला मैच खेला। तब तक उन्होंने केवल 15 प्रथम श्रेणी और 15 लिस्ट ए मैच खेले थे। पहले ही मैच में उन्‍होंने पाकिस्तान के खिलाफ 9-4-23-1 के गेंदबाजी आंकड़े हासिल किए। वे वनडे डेब्यू में चार या अधिक मेडन ओवर फेंकने वाले केवल आठवें गेंदबाज और पहले भारतीय बन गए। नवंबर में वेस्टइंडीज दौरे पर टेस्ट डेब्यू हुआ तो दो मैचों में शमी ने 16.54 की औसत से 11 विकेट चटका डाले।

उसके बाद भी शमी टीम के लिए कभी अंदर, कभी बाहर होते रहे। बाएं हाथ के गेंदबाज ने 2015 विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करते हुए सात मुकाबलों में 17 विकेट झटके थे। हालांकि, 2016 में इंग्लैंड दौरे के दौरान लगी चोट उनके लिए बड़े झटके के रूप में आई। शमी के लिए यह कठिन दौर की शुरुआत थी। चोट के दौरान ही 5 जनवरी 2017 के दिन शमी के पिता तौसीफ अली को दिल का दौरा पड़ा। पिता की सफ़ल सर्जरी हुई तो लगा अब सब ठीक हो रहा है। शमी चोट से रिकवर कर चुके थे। टीम के साथ ट्रेनिंग के लिए भी जुड़ गए थे। 26 जनवरी 2017 को इंग्लैंड के खिलाफ पहला टी20 मैच कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेला जाना था। लेकिन मैच से पहले ही शमी को टीम का साथ छोड़ अमरोहा के लिए निकलना पड़ा। उनके पिता तौसीफ गुजर गए थे।

इस दौरान शमी की फिटनेस पर भी कई सवाल उठे। फिटनेस उनके टीम में चयनित होने के आड़े भी आई। तभी एक और संघर्ष उनका इंतजार कर रहा था। इस बार उनकी लड़ाई अपने घर से थी। मोहम्मद शमी ने 6 जून 2014 को कोलकाता की तलाकशुदा मॉडल हसीन जहां से शादी की थी। 17 जुलाई 2015 को मोहम्मद शमी, एक बेटी के पिता भी बने। मगर, 2018 में मोहम्मद शमी, उनके भाई और अन्य परिजनों पर उनकी पत्नी हसीन जहां ने मारपीट, दुष्कर्म, हत्या की कोशिश और घरेलू हिंसा जैसे आरोपों के तहत मामला दर्ज किया। इस दौरान शमी पर देश से गद्दारी करने तक के आरोप लगे। शमी ने एक इंटरव्यू में कहा भी था, "देश के साथ गद्दारी का जिक्र भी मेरे दिमाग में आए, उससे पहले मैं मरना पसंद करूंगा।"

मानो किस्मत शमी से पूरी तरह रूठी हुई थी। पत्नी के आरोपों से विवाद में चल रहे शमी सड़क हादसे का शिकार भी हुए। उनके सिर पर चोट आई लेकिन बाल-बाल बच गए। यह वही समय था जब शमी ने फिटनेस और तमाम कारणों से क्रिकेट छोड़ने का मन बनाया था। भारत के पूर्व बॉलिंग कोच भरत अरुण ने एक खुलासे में बताया था कि रवि शास्त्री से मिले गुरु वचन के बाद शमी एनसीए गए। वहां उन्होंने पसीना बहाया तो नतीजा भी निकला। वे फिटनेस को अव्वल बनाने में सफल रहे। इसके साथ किसी तरह अपनी इच्छा शक्ति के बलबूते शमी इन सब से बाहर निकलने में कामयाब हुए लेकिन पत्नी से अलग हो गए।

मां होने के नाते बेटी आयरा की कस्टडी भी हसीन जहां को मिली। शमी पिता होने के सभी कर्तव्यों को आज भी निभाते हैं। वे अक्सर सोशल मीडिया पर आठ वर्षीय बेटी की तस्वीरें साझा करते हैं। खैर, मुश्किल समय के बीच जीवन मेंे रोशनी की हल्की किरण दिखाई दी तो शमी दोबारा अपनी मेहनत, जुनून, इच्छाशक्ति से डट गए। नतीजा यह रहा कि शमी ने 2019 आते आते खोई हुई धार वापस पा ली। 2019 वर्ल्ड कप में मोहम्मद शमी ने चार मुकाबले खेले और 14 विकेट झटके। इसमें इंग्लैंड के खिलाफ पांच विकेट का स्पेल और अफगानिस्तान के खिलाफ हैट्रिक आज भी यादगार है।

कोरोना काल के दौरान जब सब अपने घर में कैद हुए तो शमी ने अमरोहा आकर अपने घर में पिच बनाई और नेट्स लगा लिए। फिर, शमी यहीं अपना अभ्यास करने लगे। शमी के बारे में यह बात प्रसिद्ध है कि भले वे पूरे साल क्रिकेट न खेलें लेकिन बड़े मौकों पर टीम उन्हें नहीं भूलती। टी20 विश्व कप 2021, 2022 और अब 2023 एकदिवसीय विश्वकप इस बात का उदाहरण हैं।

शमी ने सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ़ अकेले दम पर भारतीय गेंदबाजी के मोर्चे को संभाला और वनडे में 7 विकेट लेने वाले पहले भारतीय बन गए। शमी अब 6 मैचों में 23 विकेट के साथ इस विश्व कप के श्रेष्ठ गेंदबाज बन गए हैं। पहले भारत को बल्लेबाजों का देश कहा जाता था। आज यह कहावत बदली है। भारत की पेस तिकड़ी की चर्चा दुनियाभर में है। शमी को लिजेंड कहा जा रहा है। शमी इस पेस अटैक की सबसे वरिष्ठ और अनुभवी कड़ी हैं। आज शमी का संघर्ष कहीं न कहीं हर उस संघर्ष को प्रोत्साहित करता है, जिसे अभी सफलता की मिठास नहीं मिल सकी है। शमी का जीवन हमें गिरने के बाद उठना और हर छोटी हार के बाद बड़ी जीत की तरफ बढ़ना सिखाता है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Indian cricket team, india vs newzealand, Semifinal, world cup 2023, mohammad shami
OUTLOOK 16 November, 2023
Advertisement