दो कप्तानों की अजब दास्तां
इनमें से एक टीम पुणे की कमान भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हाथ में आई जबकि दूसरे की कमान भारतीय टीम में धोनी के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी माने जाने वाले सुरेश रैना के हाथों में थमाई गई। प्रशंसकों को उम्मीद थी कि धोनी पुणे की टीम को कम से कम आखिरी चार में तो पहुंचा ही देंगे मगर इस सत्र में धोनी वह कमाल नहीं दिखा पाए। दूसरी ओर रैना ने अपनी टीम को आखिरी चार की दौड़ में अंक तालिका में सबसे ऊपर पहुंचा दिया। दरअसल 14 मैचों में रैना की टीम सिर्फ 5 हारी जबकि धोनी की टीम सिर्फ 5 मैच जीत पाई और 9 में उसे हार मिली। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह धोनी के करिश्मे का अंत है।
दरअसल सिर्फ रैना ही नहीं धोनी की कप्तानी में खेल रहे भारतीय क्रिकेट के सबसे चमकते सितारे विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में बेंगलुरू की टीम को आखिरी चार की दहलीज तक पहुंचा दिया है। दअरसल आठ टीमों में से मुंबई, पुणे और पंजाब की टीमें पहले ही इस दौड़ से बाहर हो चुकी हैं और अब बेंगलूर, कोलकाता और दिल्ली की टीमों के बीच आखिरी चार की दौड़ में हैं। इन तीनों की टीमों के 14-14 अंक हैं और रविवार को दिल्ली और बेंगलुरू और कोलकाता और हैदराबाद का मैच होना है। इस मैच में अगर बेंगलुरू जीतती है तो वह सीधे आखिरी चार में पहुंच जाएगी और अगर हार जाती है तो उसका भविष्य कोलकाता और हैदराबाद के विजेता पर टिका होगा। अगर हैदराबाद हारी तो बेंगलुरू सीधे बाहर हो जाएगी और अगर कोलकाता की टीम हारी तो रन औसत के आधार पर फैसला होगा। यही स्थिति दिल्ली और कोलकाता की भी है। जीत उन्हें सीधे अंतिम चार में ले जाएगी और हार की स्थिति में दूसरी टीम की हार जीत देखनी होगी।