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03 January 2017

खोड़ा और परांजपे को छोड़ना पड़ेगा राष्ट्रीय चयनकर्ता पद

विराट कोहली और अनिल कुंबले के साथ जतिन परांजपे। फाइल फोटो- गूगल

लोढ़ा सुधारों के अनुसार सीनियर चयन समिति तीन सदस्यीय होनी चाहिए और उसमें सभी टेस्ट खिलाड़ी होने चाहिए। बीसीसीआई ने सितंबर में जब चयन पैनल घोषित किया था तब लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया गया था क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने तब तक अपना अंतिम फैसला नहीं दिया था। नयी समिति का कभी कोई औपचारिक अनुबंध नहीं रहा।

ऐसे में अब इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी20 श्रृंखला के लिये एमएसके प्रसाद, देवांग गांधी और शरणजीत सिंह टीम का चयन करेंगे। ये सभी पूर्व टेस्ट खिलाड़ी हैं। टीम का चयन पांच जनवरी को होगा।

लोढ़ा समिति की शर्तों के अनुसार बीसीसीआई की सीनियर चयन समिति में केवल टेस्ट क्रिकेटर होने चाहिए। खोड़ा ने दो वनडे और परांजपे ने चार वनडे खेले हैं और इस तरह से वे उच्चतम न्यायालय से नियुक्त समिति द्वारा तय की गयी शर्तों को पूरा नहीं करते।

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संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी ने पीटीआई से कहा, मुझे अभी देखना होगा कि नये नियम क्या होंगे। अमूमन सचिव सीनियर टीम का समन्वयक होता है। उनकी अनुपस्थिति में संयुक्त सचिव बैठक बुलाता है।

बोर्ड के अधिकारियों का मानना है कि खोड़ा और परांजपे के अब तक के अच्छे काम को देखते हुए उन्हें प्रतिभा समन्यवक बनाया जा सकता है। इसके लिये टेस्ट क्रिकेटर होना जरूरी नहीं है तथा खोड़ा और परांजपे इसमें फिट बैठ सकते हैं।

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TAGS: National cricket selection panel, Supreme Court, implement, Lodha Committee reforms, Gagan Khoda, Jatin Paranjpe
OUTLOOK 03 January, 2017
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