श्रृंखला जीतने के लिए भिड़ेंगे भारत और न्यूजीलैंड
श्रृंखला 2-2 से बराबर चल रही है और ऐसे में धोनी और उनकी टीम की नजरें अंतिम मैच जीतकर सीरीज अपने नाम करने पर हैं। वहीं दूसरी तरफ न्यूजीलैंड के पास इतिहास रचने का मौका है। अगर टीम कल जीत दर्ज करती है तो भारत में पहली बार द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला जीतेगी। मैच पर हालांकि तूफान का खतरा मंडरा रहा है जिससे मुकाबला पूरी तरह से बारिश की भेंट चढ़ सकता है।
धोनी की कप्तानी पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रृंखला हारने से निश्चित तौर पर कप्तान और खिलाड़ी के रूप में उनकी क्षमता पर सवाल उठेंगे। धोनी की कप्तानी में भारत ने पिछले कुछ समय में तीन एकदिवसीय श्रृंखलाएं गंवाई हैं। टीम इंडिया को बांग्लादेश में बांग्लदेश के खिलाफ 1-2, आस्टेलिया में आस्टेलिया के खिलाफ 1-4 जबकि भारत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा। पिछले 18 महीने में एकमात्र श्रृंखला जिंबाब्वे की कमजोर टीम के खिलाफ जिंबाब्वे में जीती।
पिछले चार माह से दो महाद्वीपों की टीमों के दौरे पर निकले न्यूजीलैंड को टेस्ट में एकमात्र सफलता जिंबाब्वे में मिली जहां उसने 2-0 से जीत दर्ज की। दक्षिण अफ्रीका में श्रृंखला 1-1 से बराबर रही जबकि भारत के खिलाफ टीम को 0-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा।
न्यूजीलैंड को धर्मशाला में पहले एकदवसीय मैच में एकतरफा मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा लेकिन दिल्ली में कप्तान केन विलियमसन और रांची में मार्टिन गुप्टिल की पारियों की मदद से टीम पांच मैचों की श्रृंखला चार मैच के बाद 2-2 से बराबर करने में सफल रही है। वर्ष 1988 से भारत में हुई चारों द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में न्यूजीलैंड को हार का सामना करना पड़ा है।
मौसम ने अगर साथ दिया तो टीम इंडिया डा. वाईएस राजशेखर रेड्डी स्टेडियम में सफलता हासिल करने की भूखी होगी जहां उसने चार मैच जीते हैं और एक गंवाया है। भारत ने अपनी पिछली एकदिवसीय श्रृंखला श्रीलंका के खिलाफ नवंबर 2014 में 5-0 के क्लीनस्वीप के साथ जीती थी और धोनी अपने करियर के अंतिम पड़ाव में श्रृंखला गंवाना नहीं चाहेंगे। अगले साल जून में होने वाली चैम्पियन्स ट्राफी से पहले भारत को इंग्लैंड के खिलाफ सिर्फ तीन और एकदिवसीय मैच खेलने हैं।
मौजूदा श्रृंखला में टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली पर अधिक निर्भरता भी उजागर हुई है और टीम ने अपनी दो जीत उनके शानदार प्रदर्शन की बदौलत की दर्ज की हैं। रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे की सलामी जोड़ी ने अब तक निराश किया है। दूसरी तरफ कोहली ने धर्मशाला में नाबाद 85 और फिर मोहाली में नाबाद 154 रन की पारी खेलकर भारत को जीत दिलार्ई।
रांची में चौथे एकदिवसीय में 261 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए रहाणे ने अर्धशतक जड़ा जबकि कोहली भी धीमे विकेट पर लय में दिखे लेकिन इन दोनों के आउट होने के बाद अनुभवहीन मध्यक्रम ढह गया।
सफलता मिले या नहीं सलामी बल्लेबाज रोहित टीम के स्थायी सदस्य हैं और धोनी युवा मनदीप सिंह को मौका देने के मूड में नहीं दिख रहे। रोहित ने पिछली बड़ी पारी आस्ट्रेलिया में खेली थी और पिछले नौ महीने में वह किसी भी प्रारूप में शतक नहीं बना पाए हैं। मौजूदा श्रृंखला में वह सिर्फ 14, 15, 13 और 11 रन की पारियां खेल पाए हैं। धोनी ने इसी मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ 123 गेंद में 148 रन बनाकर पहली बार सुर्खियां बटोरी थी और टीम नौ विकेट पर 356 रन बनाने में सफल रही थी।
धोनी ने हालांकि रांची में पिछले मैच में 31 गेंद में सिर्फ 11 रन बनाकर निराश किया और जेम्स नीशाम की सीधी गेंद को चूककर बोल्ड हुए। गेंदबाजी में हालांकि भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया है विशेषकर अमित मिश्रा, अक्षर पटेल और कामचलाऊ स्पिनर केदार जाधव की तिकड़ी ने जिसके कारण भारत को नियमित स्पिनरों आर अश्विन और रविंद्र जडेजा की कमी नहीं खली है। तेज गेंदबाजी में भारत उम्मीद करेगा कि जसप्रीत बुमराह फिटनेस हासिल कर लें क्योंकि रांची में उनके विकल्प के तौर पर खेलने वाले धवल कुलकर्णी ने निराश किया था।
न्यूजीलैंड को गुप्टिल के फार्म में लौटने का फायदा मिला है और वह निरंतर प्रदर्शन कर रहे टाम लैथम के साथ मिलकर टीम को अच्छी शुरूआत दे रहे हैं। लैथम ने दौरे पर टेस्ट और वनडे में मिलाकर सात मैचों में पांच अर्धशतक जड़े हैं।
तीसरे नंबर पर कप्तान विलियमसन ने भी प्रभावी प्रदर्शन किया है लेकिन मध्यक्रम अधिकांश मौके पर अच्छी शुरूआत का फायदा उठाने में नाकाम रहा है। रांची में तीसरे स्पिनर के रूप में टीम में शामिल किए गए एंटन डेवसिच ने निराश किया और उनकी जगह टीम में कोरी एंडरसन या मैट हेनरी की वापसी हो सकती है। तूफान क्यांत के कमजोर पड़ने के बावजूद बारिश की संभावना बनी हुई है और भारत मैच को बारिश की भेंट चढ़ते नहीं देखना चाहेगा।
अब देखना यह होगा कि धोनी भारत को दीपावली का तोहफा देते हैं या न्यूजीलैंड की टीम इतिहास रचकर स्वदेश लौटती है।
भाषा