विराट 1000 को छोड़ फायनल पर रखना नजर, जीत जाओगे
वैसे विराट रिकार्ड की चिंता नहीं करते हैं। उन्हें जीत से मतलब है। वह हर हाल में जीतना चाहते हैं। इस साल जनवरी से अब तक आकर्षक बैटिंग कर दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों को झकझोर कर रख देने वाले विराट के स्वभाव से तो लगता है कि वह फायनल में अपने 1000 रन की चिंता कम और खिताब की चिंता ज्यादा करेंगे। अगर विराट ऐसा किए तो हो सकता है कि उनके 1000 रन भी बन जाएं और आरसीबी पहली बार खिताब भी जीत जाए। क्रिकेट का मनोविज्ञान कहता है कि अगर आप रिकार्ड को ध्यान में रखकर खेलेंगे तो जीत आपके हाथ से छूट जाएगी। कोहली ने आईपीएल में जिस तरह का खेल दिखाया है, उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। कप्तान रहकर पूरी टीम को जीत की राह पर लाना, मुश्किल पलों में ताबड़तोड़ बैटिंग कर टीम को संकट से निकालना, असंभव से कैच को लपक लेना, चुस्त क्षेत्ररक्षण करते हुए मैदान में गोते लगा देना आैर एक ही सीजन में चार शतक जड़ देना। काेहली खिताब जीतने में कामयाब नहीं हो पाए तो यह सब शायद कुछ दिनों में भुला दिया जाए। कोहली को अपने इस बेहतरीन प्रदर्शन को यादगार बनाना है तो सबसे पहले उन्हें अपने 1000 रन पर तनिक भी ध्यान नहीं देना चाहिए। और तो और इसे भूलकर पूरे टूर्नामेंट की तरह फायनल में भी फ्रंटफुट अटैक करना चाहिए। इससे पूरी टीम में खिताब जीतने के लिए जज्बा भर जाएगा। 1000 रन नहीं बने कोई बात नहीं, लोग उनके 919 रनों को ही काफी लंबे समय तक याद रखेंगे। लेकिन ऐसा तभी होगा, जब आरसीबी खिताब जीत जाए।