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12 November 2023

प्रथम दृष्टि: मेरा ही हीरो महान

कोलकाता के इडेन गार्डन्स स्टेडियम में अपने 35वें जन्मदिन पर जब विराट कोहली ने एकदिवसीय क्रिकेट में 49वां शतक लगाकर द ग्रेट सचिन तेंडुलकर की बराबरी कर ली तो फिर वही चर्चा शुरू हो गई जो खेल की दुनिया में पिछले कुछ दिनों से कही-सुनी जा रही है कि क्या विराट सचिन से बेहतर खिलाड़ी हैं? विराट के कई प्रशंसकों का मानना है कि उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सचिन को पीछे छोड़ दिया है। आंकड़ों का हवाला देते हुए उनमें से कई कहते हैं कि सचिन ने 49 एकदिवसीय शतक 451 मैचों में बनाए जबकि विराट ने यह कारनामा महज 277 मैचों में कर दिखाया। सचिन के फैन ऐसे दावों को सिरे से खारिज करते हैं। उनके लिए सचिन ‘क्रिकेट के भगवान’ हैं जिनसे बेहतर खिलाड़ी इस देश में न पहले हुआ, न आगे होगा।

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसी तुलना होती रही है। 1987 में जब सुनील गावस्कर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की तो उनके लाखों मुरीदों के मन में मायूसी छा गई। कहा गया कि भारतीय टीम में उनकी भरपाई कभी नहीं की जा सकेगी, लेकिन महज दो वर्ष बाद पाकिस्तान की पिचों पर भारत के सोलह साल के एक युवा सचिन तेंडुलकर ने जैसी बल्लेबाजी की, उसने गावस्कर की कमी पूरी कर दी। अगले कुछ साल में तेंडुलकर दुनिया के सबसे अच्छे बल्लेबाज साबित हुए जिन्हें ‘गॉड ऑफ क्रिकेट’ का दर्जा हासिल हुआ। क्रिकेट से रिटायर होने के बाद उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। उनके करियर के दौरान कई खेलप्रेमियों द्वारा उनकी तुलना गावस्कर से होती रही। सत्तर और अस्सी के दशक के दौरान सलामी बल्लेबाज के रूप में गावस्कर ने दुनिया भर के तेज गेंदबाजों, खासकर वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के खिलाफ ढेर सारे रन बटोरे जिसने उन्हें कई पीढ़ियों का नायक बनाया। तेंडुलकर के आने के बाद दर्शकों की एक ऐसी पीढ़ी सामने आई जिसने गावस्कर के खेल को देखा ही नहीं था। उसके लिए यह सोचना संभव न था कि तेंडुलकर से बेहतर भी कोई क्रिकेटर इस दुनिया में हो सकता है या हुआ होगा। आज तेंडुलकर को रिटायर हुए एक दशक हो चुका है और इस दौर में क्रिकेटप्रेमियों की एक नई पीढ़ी सामने आई है जिसने सचिन का खेल देखा ही नहीं, या देखा भी तो तब जब वह शीर्ष पर नहीं थे। जाहिर है, इस पीढ़ी के लिए विराट ही क्रिकेट का ‘नया भगवान’ है जिसके सामने सचिन सहित क्रिकेट के तमाम पिछले सुपरस्टारों का प्रदर्शन फीका है।

दरअसल हर पीढ़ी का एक नायक होता है जिसे वह पिछली पीढ़ियों के हर नायकों से न सिर्फ अव्वल समझती है, बल्कि यह भी स्वीकार करने से इनकार करती है कि भविष्य में कभी कोई उनके हीरो से बेहतर होगा। गावस्कर के जमाने के क्रिकेटप्रेमियों को कभी नहीं लगता था कि एक दिन सचिन जैसा खिलाड़ी आएगा जिसे उनसे बेहतर समझा जाएगा। वैसे ही, तेंडुलकर के मुरीद कभी सपने में भी नहीं सोच सकते थे कि आंकड़ाें के आधार पर एक दिन विराट कोहली को उनसे अच्छा बल्लेबाज साबित करने की कोशिश होगी।

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दरअसल खेल के मैदान में रिकॉर्ड टूटने के लिए ही बनते हैं। हर खेल में न जाने कितने दिग्गज आए जिनके बारे में कहा गया कि भविष्य में कोई खिलाड़ी उनके रिकॉर्ड को नहीं तोड़ सकता, लेकिन उनके रिकॉर्ड भी टूटे और कई बार टूटे। टेस्ट क्रिकेट में ब्रैडमैन के 29 शतक का रिकॉर्ड गावस्कर ने ही तोड़ा लेकिन तेंडुलकर उनसे भी आगे निकल गए। आज विराट की उम्र और फॉर्म को देखते हुए यह संभव है कि वे तेंडुलकर की बाकी रिकॉर्ड भी ध्वस्त कर डालें, लेकिन क्या इससे तेंडुलकर की महानता कम हो जाती है? कतई नहीं।

कभी पेले को फुटबाल का पर्याय समझा जाता था। बाद में माराडोना से लेकर रोनाल्डो तक कई फुटबॉलर आए जिन्होंने अपने-अपने युग में न सिर्फ पुराने रिकॉर्ड तोड़े बल्कि पेले जैसी लोकप्रियता पाई। इसके बावजूद न तो पेले की महानता पर ग्रहण लगा, न बाद के दशकों में आए प्रतिभावान खिलाड़ियों पर। 

वैसे यह बात सिर्फ खेल जगत नहीं, हर क्षेत्र पर लागू है। जवाहरलाल नेहरू की मौत के बाद कहा जाने लगा कि प्रधानमंत्री के रूप में उनका स्थान कोई नहीं ले सकता, लेकिन सात वर्ष बाद ही बांग्लादेश युद्ध के बाद ‘इंदिरा इस इंडिया एंड इंडिया इस इंदिरा’ जैसे स्लोगन गढ़े जाने लगे। बॉलीवुड के सुपरस्टार अभिनेता राजेश खन्ना के बारे में कहा गया कि उनके प्रति लोगों की दीवानगी जिस हद तक थी, वैसी कभी नहीं देखी जाएगी। बाद के वर्षों में अमिताभ और शाहरुख के बंगले के बाहर जैसा हुजूम इकट्ठा होता रहा वह कमतर न था।

किसी चर्चित शख्सियत की महानता का निष्पक्ष मूल्यांकन समय की कसौटी पर भी किया जा सकता है। यही वह कसौटी है जिसने शेक्सपियर को अंग्रेजी का और कालिदास को संस्कृत का महानतम लेखक बनाया है। हर आने वाली पीढ़ी में पिछली पीढ़ी से बड़ी लकीर खींचने के असीम क्षमता होती है। तुलना करने से पहले तेंडुलकर और विराट के प्रशंसकों को यह समझना चाहिए।

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TAGS: Virat Kohli, 49th ODI century, sachin Tendulkar record, kolkata eden gardens, world cup 2023, ind vs sa
OUTLOOK 12 November, 2023
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