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16 December 2024

यह सिर्फ शतरंज की बात नहीं है, इसमें भावनात्मक दबाव भी बहुत है: विश्व खिताब पर गुकेश

भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने कहा कि उनका इतिहास रचने वाला विश्व खिताब केवल शतरंज की रणनीति का परिणाम नहीं था, बल्कि मानसिक दबाव को संभालने में मदद करने के लिए उन्होंने मानसिक कंडीशनिंग कोच पैडी उपटन को श्रेय दिया। 

गुकेश ने सोमवार को चेन्नई में प्रेस मीट के दौरान यह बात कही, जहां उनके बचपन के स्कूल वेलामल विद्यालय ने उनका स्वागत किया।

गुकेश ने कहा, "विश्व चैंपियनशिप में सिर्फ शतरंज नहीं है, इसमें बहुत मानसिक और भावनात्मक दबाव होता है। पैडी की शिक्षाओं ने मुझे इस मामले में मदद की।" 18 वर्षीय गुकेश, जिन्होंने चीन के डिंग लिरेन को हराकर विश्व खिताब जीता, इस तरह से सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बने।

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उपटन, जो एक प्रसिद्ध मानसिक कंडीशनिंग कोच हैं, ने गुकेश के साथ सिंगापुर में खेले गए 14 गेम के इस महाकुंभ के दौरान काम किया। गुकेश ने कहा, "उनसे की गई बातचीत और सुझाव मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण रहे हैं।"

गुकेश ने यह भी बताया कि उनका पैडी उपटन से जुड़ाव कैसे शुरू हुआ। उन्होंने कहा, "मैंने जब कैंडिडेट्स (अप्रैल) जीतने के बाद मानसिक ट्रेनर की जरूरत महसूस की, तो संदीप सर (संदीप सिंघल) ने मुझे पैडी उपटन से मिलवाया, जिनके पास उच्च प्रदर्शन वाले एथलीट्स के साथ काम करने का काफी अनुभव है।"

उपटन ने गुकेश की 'स्वयं की समझ' की सराहना की और कहा, "वह इसीलिए विश्व चैंपियन बने क्योंकि उन्होंने खुद को संभाला और मानसिक रूप से खेल में बने रहे, चाहे वह शुरुआती स्थिति में 0-1 से पीछे हो। यही एक सच्चे चैंपियन की पहचान है।"

गुकेश ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन का भी धन्यवाद किया, जिनका समर्थन उन्हें शतरंज के सफर में मिला। उन्होंने कहा, "तमिलनाडु सरकार ने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया है और मेरी उपलब्धियों पर मुझे शुभकामनाएं दी हैं।"

गुकेश भारतीय शतरंज के महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद केवल दूसरे भारतीय हैं जिन्होंने विश्व खिताब जीता है। आनंद ने उन्हें अपनी अकादमी में मार्गदर्शन प्रदान किया।

अचानक शतरंज खिलाड़ी बनने की कहानी

गुकेश के पिता डॉ. रजनीकांत, जो पेशे से ईएनटी सर्जन हैं, ने बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनका बेटा शतरंज में करियर बनाएगा। उन्होंने कहा, "हमने उसे शतरंज की कक्षाओं में एक शौक के रूप में दाखिल किया था, लेकिन जब उसने रुचि दिखाई और मेहनत की, तो हमने उसे पूरा समर्थन दिया।"

रजनीकांत ने यह भी बताया कि गुकेश को टूर्नामेंट खेलने का बहुत शौक है और वह हमेशा खेल से जुड़े रहने के लिए प्रतियोगिताओं में भाग लेना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा, "अगर उसे महीनेभर कोई टूर्नामेंट नहीं मिलता, तो वह बेचैन हो जाता है। यही उसकी पसंद है।"

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TAGS: World chess championship, d gukesh, chess championship, journey
OUTLOOK 16 December, 2024
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