तो इस विवाद की वजह से गई सागर की जान और सुशील पहुंचे जेल? जानें क्या है फ्लैट की गुत्थी
ओलम्पिक रजत विजेता पहलवान सुशील कुमार पर ऐसे जूनियर पहलवान की हत्या का आरोप है जो उसे अपना गुरू मानता था। दो अलग-अलग ओलंपिक में पदक जीतकर और कई अवार्ड अपने नाम करने वाले देश के पहलवान सुशील कुमार आज की तारीख में जेल के अंदर है। सागर हत्याकांड के पीछे फ्लैट नंबर डी 10/6 को वजह बताया जा रहा है। आइए जानें क्या है फ्लैट की गुत्थी-
पूरा मामला 4 मई 2021 का है जब रात करीब 11 बजे दिल्ली के मॉडल टाउन के एक ब्लॉक इलाके में कुछ लोग डी 10/6 फ्लैट पर पहुंचे। इन लोगों के हाथ में डंडे और हॉकी स्टिक थी। आरोप है कि इन लोगों ने ही यहां रहने वाले युवा रेसलर सागर धनखड़ और उसके साथियों का अपहरण कर लिया।
पीड़ित के बयान के अनुसार सुशील कुमार नीचे कार में बैठा था। उसके हाथ में पिस्टल थी। वे लोग सागर और उसके साथियों को छत्रसाल स्टेडियम ले गए। जो देश में कुश्ती के सबसे बड़े केंद्र के रूप में जाना जाता है।
अब सवाल यह उठता है कि इस हत्या की वजह क्या थी? हालांकि पुलिस इसकी जांच कर रही है। आज तक के अनुसार सुशील कुमार से पूछताछ के बाद ही हत्या की सही वजह का पता चल पाएगा, लेकिन कुछ बातें जांच के बाद साफ होती नजर आ रही है।
पहली ये कि यह पैसों के लेनदेन का मामूली विवाद था। बताया जा रहा है कि सागर जिस फ्लैट डी 10/6 में रहता था वह सुशील कुमार की पत्नी के नाम पर है। सागर ने दो महीने का किराया दिए बिना ही फ्लैट खाली कर दिया था। सुशील ने सागर से कई बार किराया भी मांगा, लेकिन सागर ने देने से इनकार कर दिया। आरोप है कि इसी के बाद सुशील ने साथियों के साथ मिलकर सागर की बुरी तरह पीटाई शुरू कर दी।
पूरा मामला तब बिगड़ा जब सुशील कुमार के साथियों ने सागर और बाकी लड़कों को डराने के लिए फायरिंग शुरू कर दी। वहीं उस रात सुशील कुमार के साथ दो छंटे हुए बदमाश लॉरेंस विश्वोई और काला जठेड़ी गैंग के गुंडे शामिल थे। जिसके कारण हालात इतने बिगड़ गए।
इस बीच एक लड़ने ने पुलिस को फोन कर दिया और आनन-फानन में मॉडल टाउन की पुलिस मौके पर पहुंच गई। लेकिन, पहले से जानकारी मिलने के बाद सुशील कुमार और उसके साथी फरार हो गए। पुलिस ने जख्मी सागर और उसके साथियों को अस्पताल भर्ती कराया। सागर की हालत गंभीर होने के कारण 2 दिन बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस उसका बयान भी नहीं ले पाई ।
दोनों आरोपी चार मई को देर रात हुई घटना के बाद से फरार थे। 38 वर्ष के पहलवान सुशील पर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था जबकि अजय पर 50 हजार का इनाम था। स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इंस्पेक्टर शिवकुमार और इंस्पेक्टर कर्मबीर के नेतृत्व वाली स्पेशल सेल की टीम ने सुशील और अजय (48) को मुंडका से गिरफ़्तार किया है। इस टीम को एसीपी अत्तर सिंह सुपरवाइज कर रहे थे।