आईएसएल नीलामी 1 करोड़ से अधिक में बिके छेत्री, लिंगदोह
छेत्री आईएसएल का पहला सत्र नहीं खेल सके थे क्योंकि उनके आईलीग क्लब बेंगलूरू एफसी ने उन्हें रिलीज नहीं किया था। उन्हें मुंबई एफसी ने एक करोड़ 20 लाख रुपये में खरीदा जबकि उनका बेसप्राइज 80 लाख रुपये था। उनके लिए सिर्फ मुंबई और दिल्ली डायनामोस के बीच होड़ थी।
वहीं आई लीग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले लिंगदोह को पुणे सिटी ने एक करोड़ पांच लाख रुपये में खरीदा। उनका बेसप्राइज 27 लाख 50 हजार रुपये था यानी उन्हें इससे तीन गुना अधिक रकम मिली है।
लिंगदोह के लिए गोवा एफसी, केरला ब्लास्टर्स, नार्थ ईस्ट युनाइटेड, गत चैंपियन एटलेटिको डि कोलकाता, मुंबई एफसी और पुणे सिटी ने बोली लगाई थी जिसमें पुणे ने बाजी मारी।
दस खिलाड़ियों के लिए दो चरण की नीलामी प्रक्रिया के पहले चरण में इन दोनों को खरीदा गया जबकि डिफेंडर अंटो को पिछले विजेता एटलेटिको डि कोलकाता ने 90 लाख रुपये में खरीदा। उनका बेसप्राइज 17 लाख 50 हजार रुपये था।
मिडफील्डर थोई सिंह को चेन्नइयिन एफसी ने 86 लाख रुपये में खरीदा जिनका बेसप्राइज 39 लाख रुपये था। डिफेंडर अनास ई को दिल्ली डायनामोस ने 41 लाख रुपये में खरीदा।
मिडफील्डर अराता इजुमी को एटीके ने 68 लाख रुपये में खरीदा जबकि उनका बेसप्राइज 40 लाख रुपये था। वहीं स्टाइकर रोबिन सिंह को दिल्ली डायनामोस (बेसप्राइज 40 लाख) ने 51 लाख रुपये में खरीदा। विंगर सेत्यासेन सिंह को नार्थईस्ट युनाइटेड ने 56 लाख रुपये में खरीदा जिनका बेसप्राइज 20 लाख रुपये था।
डिफेंडर अनास ई अपने बेसप्राइज से एक लाख रुपये अधिक में बिके जिन्हें दिल्ली डायनामोस ने 41 लाख रुपये में खरीदा। वहीं चेन्नईयिन एफसी ने गोलकीपर करणजीत सिंह को बेसप्राइज 60 लाख रुपये में खरीदा।
एटलेटिको, चेन्नइयिन, पुणे और दिल्ली ने दो-दो खिलाड़ी खरीदे जबकि मुंबई और नार्थईस्ट ने एक-एक खिलाड़ी खरीदा। गोवा एफसी और केरला ब्लास्टर्स कोई भी खिलाड़ी नहीं खरीद सके।
आईएसएफ टीमों ने इस नीलामी पर कुल सात करोड़ 22 लाख रुपये खर्च किए। इन सभी क्लबों को 15 करोड़ 50 लाख रुपये का पर्स दिया गया था जिनमें उन्हें विदेशी खिलाड़ी और 10 खिलाड़ियों की नीलामी में भारतीय खिलाड़ी खरीदने थे।