फीफा वर्ल्डकप 2018: इंग्लैंड के खिलाफ मिशन “स्टॉप केन” है कोलंबिया के लिए जीत का फॉर्मूला
फीफा विश्वकप के राउंड 16 के आखिरी मैच में आज इंग्लैंड का सामना कोलंबिया से होगा। दोनों टीमें क्वार्टरफाइनल में अपनी दावेदारी पेश करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी। अगर आंकड़ों की बात करें तो इससे पहले कोलंबिया और इंग्लैंड के बाच पांच बार भिड़ंत हो चुकी है, लेकिन कोलंबियाई टीम अभी तक एक भी मैच नहीं जीत पाई है।
वर्ल्डकप में अभी तक के इंग्लैंड के सफर की बात करें तो कप्तान हैरी कैन की वजह से इसे खिताब का प्रबल दावेदार माना जाने लगा है। केन ने अभी तक दो मैचों में कुल पांच गोल दागे हैं, जिसमें एक हैटट्रिक भी शामिल। इस तरह वह गोल्डन बूट की रेस में सबसे आगे बने हुए हैं। क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लोकाकु के चार-चार गोल थे, जिससे केन को चुनौती मिलने की उम्मीद थी, लेकिन दोनों की ही टीमें नॉकआउट राउंड से बाहर हो चुकी हैं।
केन की चुनौती से निपटने के लिए कोलंबिया ने उन्हें रोकने की रणनीति बनाई है और उनके ब्रिटिश क्लब टॉटेहम हॉटस्पर के साथी डिफेंडर डेविन्सन सांचेज इसे बखूबी जानते होंगे। इसके अलावा कोलंबिया न सिर्फ 2014 की सफलता को दोहराना चाहेगी, बल्कि वह 1998 में फ्रांस में खेले गए विश्वकप में इंग्लैंड से मिली 2-0 से हार का बदला भी लेना चाहेगी। दूसरी तरफ, इंग्लैंड डेविड बेखम की अगुआई में 2006 के बाद से क्वार्टरफाइनल में नहीं पहुंचा है।
फाल्को और रॉड्रिग्ज बनेंगे चुनौती
वर्ल्डकप से पहले इंग्लैंड से किसी को खास उम्मीद नहीं थी, लेकिन जिस तरह इस युवा टीम ने प्रदर्शन किया उससे उम्मीदें बढ़ी हैं। लेकिन अभी इंग्लैंड को बड़ी चुनौती नहीं मिली है और अब उसके सामने कोलंबिया के रादेमल फाल्को और जेम्स रोड्रिग्ज से निपटना एक चुनौती होगी। दोनों ही खिलाड़ी फॉर्म में हैं। हालांकि, रोड्रिग्ज के चोटिल होने से उनके खेलने की संभावना कम है।
आंकड़ों में जानें खास तथ्य
- इंग्लैंड की टीम पिछले तीन विश्वकप में अंतिम-16 से आगे नहीं बढ़ पाई है।
- इंग्लैंड को पिछले 12 बड़ी प्रतियोगिता में छह में पेनल्टी की वजह से हार का सामना करना पड़ा है।
- आखिरी बार दोनों टीमों के बीच साल 2005 में भिड़ंत हुई थी। इंग्लैंड 3-2 से यह मुकाबले जीतने में सफल रहा था।
- तीन विश्वकप (1990, 1998 और 2006) में इंग्लैंड की तकदीर का फैसला पेनल्टी शूटआउट से हुआ और तीनों ही बार उसे हार का सामना करना पड़ा।