फीफा के दामन पर दाग
दक्षिण अफ्रीका में जब विश्व कप फुटबॉल का रंगारंग आयोजन सफल रहा था तो किसी को किसी को अंदाजा भी नहीं था कि इसकी मेजबानी के लिए दक्षिण अफ्रीका ने मोटी रिश्वत दी होगी। अब जब अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने वर्तमान और निवर्तमान कुल नौ फीफा (अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ ) अधिकारियों तथा अमेरिकी खेल कंपनियों के पांच अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया तब पता चला कि इसके लिए 15 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। भ्रष्टाचार के आरोप में पिछले दिनों ज्यूरिख में सात अधिकारी गिरफ्तार किए गए जिनमें एक फीफा उपाध्यक्ष भी हैं।
एफबीआई की जांच से ही पता चला कि फीफा अधिकारी मेजबानी दिलाने के नाम पर रिश्वत के लिए किस हद तक गिर गए थे। यह भी दिलचस्प है कि जांच के बाद ही इन 14 अारोपियों में से पांच ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है। एक अधिकारी ने तो रिश्वत के पैसों से अपना एक विशाल स्टेडियम भी बनवाया और उसे किराये पर देकर कमाई कर रहा है। फीफा के अध्यक्ष सैप ब्लाटर इन सबसे बेफिक्र हैं कि यूरोप की संस्था यूईएफए ने उन्हें हटाने पर आमदा है। यूईएफए ने तो यहां तक धमकी दे डाली है कि ब्लाटर को यदि नहीं हटाया जाता है तो वह फीफा से अलग हो जाएगी। यूईएफए के तहत यूरोप के सभी फुटबॉल खेलने वाले देश आते हैं और फीफा में वह सबसे ताकतवर संस्था है। सैप ब्लाटर की बादशाहत पिछले एक दशक से भी अधिक समय से बतौर फीफा अध्यक्ष बरकरार है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि अमेरिका यह तमाशा इसलिए खड़ा कर रहा है ताकि 2018 का विश्व कप आयोजन रूस से छीनकर किसी और देश को दे दिया जाए। हालांकि ब्लाटर का आत्मविश्वास एशिया और अफ्रीकी देशों से बढ़ा हुआ है।