दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने दी थी विश्व कप भुगतान को स्वीकृति
तत्कालीन राष्ट्रपति थाबो मबेकी और विदेश मंत्री नकोसाजाना ड्लामिनी जुमा ने भुगतान को स्वीकृति दी थी। दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों ने हालांकि आज भी जोर देकर कहा कि यह राशि कैरेबिया में वैध विकास परियोजना के लिए थी।
दक्षिण अफ्रीका ने यह भुगतान 2008 में फीफा के जरिये किया था और यह पैसा जैक वार्नर द्वारा नियंत्रिात खाते में गया था। कैरेबिया से फीफा के पूर्व उपाध्यक्ष वार्नर रिश्वत लेने के आरोप में अमेरिका में वांछित हैं।
अमेरिकी जांचकर्ताओं को संदेह है कि दक्षिण अफ्रीका का यह भुगतान विश्व कप हासिल करने की दावेदारी में फीफा की कार्यकारिणी के तीन वोट हासिल करने के लिए था। फीफा पर छाये भ्रष्टाचार प्रकरण के बीच एक बड़ा सवाल यह सामने आया है कि आखिर कैसे इसके आडिटर कथित तौर पर सुनियोजित भुगतान के जरिये करोड़ों डालर की रिश्वत पर सबको चौकन्ना करने में विफल रहे।
पिछले हफ्ते ज्यूरिख में भ्रष्टाचार के आरोप में फीफा के सात अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद अब इसके वित्त को नियंत्रिात करने वाली जानी मानी एकाउंट कंपनी केपीएमजी समीक्षा के दायरे में आ गई है।
ब्रिटेन के एसेक्स यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल में प्रोफेसर प्रेम सिक्का ने कहा, अगर आडिटर करोड़ों डालर गायब होते हुए नहीं देख सकते तो फिर वे क्या कर सकते हैं। सिक्का ने कहा, फीफा में हुआ प्रकरण स्पष्ट तौर पर दिखाता है कि महासंघ के नियंत्रण में कमजोरी थी। इस एकाउंट विशेषग्य ने कहा, इन रिपोर्ट को सार्वजनिक तौर पर प्रकाशित किया जाना चाहिए। अगर छुपाने के लिए कुछ नहंी है तो हमें फाइलें दिखाइए।