भारत के ट्रैक और फील्ड एथलीटों की शुक्रवार से अग्निपरीक्षा
एथलेटिक्स में एक बार फिर सभी की नजरें उसेन बोल्ट पर होंगी जबकि भारतीय पदक के दावेदारों में नहीं है। पेरिस में 1900 में हुए ओलंपिक में नार्मन प्रिचार्ड के 200 मीटर के रजत पदक के बाद से भारत ने ओलंपिक में एथलेटिक्स में कोई पदक नहीं जीता है। भारत का 34 सदस्यीय एथलेटिक्स दल यहां प्रभावी प्रदर्शन के साथ आया है जिनसे कम से कम फाइनल में जगह बनाने की उम्मीद तो की जा सकती है। चक्काफेंक खिलाड़ी विकास गौड़ा एथलेटिक्स में भारत के अभियान की शुरूआत करेंगे। वह लंदन ओलंपिक 2012 में फाइनल में पहुंचे थे लेकिन आठवें स्थान पर रहे। अपना आखिरी ओलंपिक खेल रहे गौड़ा पदक के साथ विदा लेना चाहेंगे। उनके कंधे की चोट के कारण आशंकायें हैं क्योंकि वह पूरे सत्र में बाहर रहे। देखना यह है कि वह चार साल पहले के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 66.28 मीटर को पार कर पायेंगे या नहीं।
दो महीने पहले इंडियन ग्रां प्री में 17.30 मीटर की कूद लगा चुके त्रिकूद खिलाड़ी रंजीत महेश्वरी पर भी नजरें होंगी। वह बीजिंग ओलंपिक 2008 और लंदन ओलंपिक 2012 में फ्लॉप रहे। इस बार भी उनकी राह आसान नहीं होगी। कजाखस्तान में 8.19 मीटर की कूद लगाने वाले लांग जंपर अंकित शर्मा के प्रदर्शन में काफी सुधार आया है। उसने 8.09 मीटर का राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़कर रियो के लिये क्वालीफाई किया था। पिछले साल केरल में हुए राष्ट्रीय खेलों में आठ मीटर का मार्क पार करने वाले शर्मा ने साल की शुरूआत में दक्षिण एशियाई खेलों में पाकिस्तान के मोहम्मद उरफान का 27 साल पुराना 7.89 मीटर का रिकार्ड तोड़ा। लंबी दूरी की दौड़ में रूसी कोच निकोलाइ स्नेसारेव के तीन शिष्यों ओपी जैशा, सुधा सिंह और ललिता बाबर पर नजरें होंगी।
स्टीपलचेस में सुधा (9:26.55 सेकंड) और ललिता (9:27.09) क्वालीफायर में क्रमश: 17वें और 18वें स्थान पर रही। स्नेसारेव ने कहा , मैं प्रतियोगिता पूरी होने पर ही बात करूंगा। मैं इस समय बड़ी बातें नहीं करना चाहता। जैशा और कविता राउत मैराथन में भाग लेंगे और उनका लक्ष्य दो घंटे 30 मिनट का रिकार्ड तोड़ने का होगा। भारत की चार गुणा 400 मीटर रिले टीम अंतिम आठ में पहुंच सकती है। पैदलचाल में भारत के तीन एथलीट चौकाने वाला नतीजा दे सकते हैं। महिला फर्राटा दौड़ में 1980 के बाद पहली बार ओडिशा की द्युति चंद ने क्वालीफाई किया है। उन्होंने कहा , मैंने तमाम बाधाओं को पार करके अपना सपना पूरा करने की दहलीज पर कदम रखा है। मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगी। भारत के लिये इससे पहले पीटी उषा ने मास्को ओलंपिक 1980 में 100 मीटर दौड़ में भाग लिया था। उषा की शिष्या टिंटू लुका 800 मीटर दौड़ में उतरेगी।
एजेंसी