हितों के टकराव मामले में राहुल द्रविड़ पर जल्द ही फैसला सुनाएगी बीसीसीआई, राहत मिलने की उम्मीद
भारत के दिग्गज क्रिकेटर राहुल द्रविड़ इस समय राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के प्रमुख हैं। इस पद पर आसीन होते ही उनके खिलाफ हितों के टकराव का मामला दर्ज हुआ था। इस केस में लंबी सुनवाई चली है। अब राहुल द्रविड़ के ऊपर चल रही हितों के कथित टकराव के मामले की सुनवाई मंगलवार को समाप्त हो गई है। इस बारे में डीके जैन ने कहा कि सुनवाई समाप्त हो गई है। आपको जल्द ही इस मामले पर आदेश मिल सकता है। ऐसे में कह सकते हैं कि राहुल द्रविड़ को बीसीसीआई से थोड़ी से राहत मिली है।
दोनों ने रखा अपना पक्ष
पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने 26 सितंबर को मुंबई में हुई व्यक्तिगत सुनवाई में अपना पक्ष रखा था। हालांकि आचरण अधिकारी ने सोमवार को दूसरी बार द्रविड़ को आने के लिए कहा। एनसीए प्रमुख का प्रतिनिधित्व उनके वकील ने किया। बोर्ड अधिकारी ने कहा कि बीसीसीआई के वकील और शिकायतकर्ता सजीव गुप्ता का पक्ष भी सुना गया।
संजीव गुप्ता ने द्रविड़ के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी
बता दें कि मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने द्रविड़ के खिलाफ राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के प्रमुख के तौर पर मौजूदा भूमिका और इंडिया सीमेंट्स के कर्मचारी होने के नाते हितों के कथित टकराव की शिकायत दर्ज की थी। एनसीए में पद संभालने से पहले 46 वर्षीय द्रविड़ भारत ए और अंडर-19 टीमों के कोच थे। एनसीए निदेशक रहते हुए वह इन दोनों टीमों की प्रगति पर भी निगरानी रखेंगे। क्रिकेट सलाहकारों की समिति पर भी हितों के टकराव आरोप लगा था, जिसके बाद सभी ने इस्तीफा दे दिया था।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली पर लगाया आरोप
राहुल द्रविड़ से पहले पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (जो अब बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं), महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर और वीवीएस लक्ष्मण पर भी संजीव गुप्ता ने हितों के टकराव के आरोप लगाए थे। ये तीनों दिग्गज खिलाड़ी आइपीएल फ्रेंचाइजियों से जुड़े थे। सचिन तेंडुलकर जहां मुंबई इंडियंस के आइकन थे, वहीं लक्ष्मण और सौरव गांगुली क्रमशः सनराइजर्स हैदराबाद और दिल्ली कैपिटल्स के मेंटर थे।