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18 September 2024

सीसीआई अपने आदेशों के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए अब कर पाएगा एजेंसियों की नियुक्ति

प्रतिस्पर्धा आयोग अब अपने आदेशों के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए एजेंसियों की नियुक्ति कर सकता है। संशोधित नियमों की अधिसूचना जारी होने के बाद यह मुमकिन हो पाया है।

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब कुछ संस्थाओं ने नियामक के कुछ आदेशों का पालन न करने के बारे में चिंता जाहिर की है। नियामक बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सामान्य) विनियम, 2024 मंगलवार को अधिसूचित किए गए।

सीसीआई अब अपने आदेशों के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए एजेंसियों की नियुक्ति कर सकता है। ये एजेंसियां अकाउंटिंग फर्म, मैनेजमेंट कंसल्टेंसी या कोई अन्य पेशेवर संगठन या चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी या कॉस्ट अकाउंटेंट हो सकती हैं।

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नए नियमों के अनुसार, ‘‘आयोग का मानना है कि धारा 31 या धारा 48ए या धारा 48बी या अधिनियम और उसके अधीन बनाए गए विनियमों के किसी अन्य प्रावधान के तहत पारित उसके आदेशों के क्रियान्वयन की निगरानी की आवश्यकता है। वह आदेशों के क्रियान्वयन की देखरेख के लिए आयोग द्वारा उचित माने जाने वाले नियमों तथा शर्तों पर एजेंसियों की नियुक्ति कर सकता है।’’

धारा 48ए और 48बी क्रमशः प्रतिबद्धता तथा निपटान से संबंधित हैं। धारा 31 विलय तथा अधिग्रहण के आदेशों को संदर्भित करती है। अन्य बातों के अलावा एजेंसी की जिम्मेदारी होगी कि वह आदेशों के किसी भी गैर-अनुपालन के बारे में सीसीआई को सूचित करे।

नियामक विभिन्न प्रकार के आदेशों के संबंध में एजेंसियों की नियुक्ति कर सकता है, जिनमें विलय व अधिग्रहण से संबंधित आदेश भी शामिल हैं। नियमों में कई अन्य बदलाव भी किए गए हैं, जैसे अंतरिम आदेश जारी करने की तिथि से अंतिम आदेश पारित करने के लिए 180 दिन की समयावधि तय की गई है।

अप्रैल 2023 में प्रतिस्पर्धा अधिनियम में किए गए संशोधनों के बाद, सीसीआई ने अपने सामान्य नियमों की व्यापक समीक्षा की। नियमों में संशोधन करने से पहले सार्वजनिक परामर्श भी किया गया।

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TAGS: CCI, appoint agencies, monitor, implementation of its orders
OUTLOOK 18 September, 2024
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