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27 April 2017

अपराध की श्रेणी में आ सकता है डोपिंग, दोषियों को जेल संभव

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खेल मंत्री विजय गोयल ने आज कहा कि उन्हें स्कूल और विश्वविद्यालय स्तर पर डोपिंग के फैलने का डर है और इसीलिए खिलाड़ियों के जेहन में डर का होना जरूरी है। उन्होंने  डोपिंग निरोधक कानून का मसौदा तैयार करने को लेकर मशविरा बैठक से इतर पत्रकारों से कहा कि  हम इस पर गौर कर रहे हैं कि नए कानून के तहत क्या दोषी खिलाड़ियों को जेल हो सकती है। यह कानून डोपिंग को अपराध की श्रेणी में लाएगा। राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) के महानिदेशक नवीन अग्रवाल भी इस मौके पर मौजूद थे। हालांकि चंद रोज पहले विजय गोयल ने कहा था कि डोपिंग को अपराध की श्रेणी में लाने की जरूरत नहीं है क्योंकि मौजूदा व्यवस्था दोषियों को पकड़ने के लिए काफी है और डोपिंग के दोषी पाए जाने वाले खिलाडि़यों की शर्मिंदगी ही उनकी सजा है।

गोयल ने कहा कि मुझे डर है कि डोपिंग स्कूल और यूनिवर्सिटी तक पहुंच गई है। पहले यह राष्ट्रीय स्तर तक ही सीमित थी। उन्होंने कहा कि  सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं बल्कि कोच, ट्रेनर और डॉक्टरों को भी जेल भेजा जा सकता है। इसमें तुरंत गिरफ्तारी भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि  कई बार खिलाड़ी अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थ ले लेते हैं। कोचों की गलती का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है लेकिन कोच बच जाते हैं। डोपिंग से जुड़े हर आदमी को नए कानून की जद में लाया जाएगा।

भारत पिछले साल वाडा की 2015 की रिपोर्ट में लगातार तीसरे साल डोपिंग के मामले में तीसरे स्थान पर रहा था। डोपिंग के दोषी 117 खिलाड़ियों को सजा दी गई। भारत से अधिक डोपिंग के मामले रूस और इटली में ही पाए गए। अग्रवाल ने कहा कि अब हर साल 70000 टेस्ट हो रहे हैं और नाडा के लिए यह सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण है कि कोच अपने खिलाडि़यों को गुमराह ना करे।

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खेल मंत्री गोयल ने कहा कि अभी कोई समय सीमा तय नहीं की गई है लेकिन कानून के लिए सभी संबंधित पक्षों से बातचीत की जा रही है जिसमें कानून मंत्रालय, नारकोटिक्स, सीबीआई शामिल है। (एजेंसी)

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TAGS: डोपिंग, निरोधक, कानून, सरकार, दोषियों, जेल, खेल मंत्री, विजय, गोयल
OUTLOOK 27 April, 2017
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