मोदी सरकार की दुसरी पारी में किरण रिजिजू संभालेंगे खेल मंत्रालय
पूर्वोत्तर भारत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का चेहरा माने जाने वाले किरण रिजिजू को देश का नया खेल मंत्री बनाया गया है। रिजिजू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले मंत्रिमंडल में गृह राज्य मंत्री थे जबकि इस बार उन्हें युवा एवं खेल मंत्रालय के साथ-साथ अल्पसंख्यक कार्य मंत्रायल (स्वतंत्र प्रभार) सौंपा गया है।
पिछली सरकार में कई बार बदले गए खेल मंत्री
2014 में पूर्ण बहुमत के साथ चुनाव जीतने के बाद मोदी ने असम के सर्बानंदा सोनोवाल को खेल मंत्री बनाया लेकिन, इसके बाद भी खेल मंत्रालय में कई बदलाव हुए। सर्बानंद के असम का मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद कुछ समय के लिए जितेंद्र सिंह को खेल मंत्रालय सौंपा गया। इसके बाद विजय गोयल भी कुछ समय के लिए खेल मंत्री रहे और फिर पूर्व ओलम्पिक पदक विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौर को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। राज्यवर्धन को हालांकि इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।
गंभीर को भी खेल मंत्री बनाने के कयास लगाए जा रहे थे
बता दें कि किरण रिजिजू से पहले खेल मंत्री की जिम्मेदारी पूर्व ओलंपियन राज्यवर्धन सिंह राठौड़ निभा रहे थे। अब अगले साल 2020 में टोक्यो ओलंपिक होना है। ऐसे में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ या किसी गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ी होने के बावजूद किरण को इसकी जिम्मेदारी मिलने से लोग हैरान हैं। इससे पहले, कयास लगाए जा रहे थे कि पूर्वी दिल्ली से भारी मतों से लोकसभा चुनाव जीतने वाले पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को खेल मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि गंभीर पहली बार चुनाव में उतरे थे, और शायद इसी वजह से उन्हे केंद्रीय कैबिनेट में जगह नहीं मिली। दरअसल, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बतौर खेल मंत्री काफी अच्छा काम किया और भारतीय एथलीट्स को हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराई। एथलीट्स ने सुविधाएं मिलने का अच्छा नतीजा भी दिखाया और इवेंट्स में बेहतर परिणाम भी दिए।
खेलों से है पुराना नाता
अब यह देखना रोचक होगा कि क्या किरण रिजिजू भी अपने कार्यकाल में खिलाडि़यों को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराने में कामयाब होंगे ताकि टोक्यो ओलंपिक्स में भारत अच्छे परिणाम हासिल कर सके? हालांकि अगर बात करें रिजिजू कि तो उनका खेलों से नाता नया नहीं है। सोशल मीडिया पर अकसर अपनी कसरत की तस्वीरें डालकर फिटनेस के प्रति जागरूकता जगाने वाले रिजिजू अपने स्कूली दिनों में अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। यही नहीं उन्होंने अपने स्कूली दिनों में राष्ट्रीय खेलों में भी हिस्सा लिया था।
14वीं लोकसभा में पहला बार संसद में किया था प्रवेश
युवा नेता और संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के तौर पर कई देशों का दौरा कर चुके रिजिजू ने हंसराज कॉलेज से स्नातक और दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की। वह 29 वर्ष की उम्र में 2000 से 2005 तक खादी और ग्रामीण उद्योग आयोग के सदस्य रहे। उन्होंने 2004 में अरुणाचल पश्चिम लोकसभा सीट से संसद में प्रवेश किया और 14वीं लोकसभा के सबसे प्रखर वक्ताओं में अपना नाम शामिल कराने में कामयाब रहे।
इस बार दो बार के मुख्यमंत्री को हरा पहुंचे संसद
अगले लोकसभा चुनाव में वे 1314 मतों से हार गए। लेकिन 2014 में फिर इसी लोकसभा सीट से चुने गए। उन्होंने पिछली बार कांग्रेस के तकाम संजय को 43,738 मतों से हराया और मोदी सरकार के मंत्रिमंडल का हिस्सा बने। इस बार उन्होंने दो बार के मुख्यमंत्री नबाम तुकी को डेढ़ लाख से अधिक मतों से हराया। अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के नफरा में 19 नवंबर 1971 को जन्मे रिजिजू के पिता अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के अस्थायी स्पीकर रह चुके हैं।