उम्र 101 साल, नाम मन कौर, जीता फर्राटा दौड़ में स्वर्ण
मन कौर ने दौड़ एक मिनट 14 सेकेंड में पूरी की। इस तरह उन्होंने उसैन बोल्ट के 2009 में बनाये गये 100 मीटर के विश्व रिकार्ड से 64.42 सेकेंड का अधिक समय लिया। स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने कौर का भरपूर समर्थन किया। कौर की जीत हालांकि पक्की थी क्योंकि 100 वर्ष से अधिक उम्र के वर्ग में वह अकेली भागीदार थी। न्यूजीलैंड में हुई इस प्रतियोगिता में हालांकि कुल 25 हजार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।
न्यूजीलैंड की मीडिया ने कौर को चंडीगढ़ का चमत्कार बताया। उनके लिये दौड़ का समय नहीं बल्कि उसमें भाग लेना महत्वपूर्ण था। उन्होंने पंजाबी दुभाषिये के जरिये पत्रकारों से कहा, मैंने इसका लुत्फ उठाया और मैं बहुत खुश हूं। मैं फिर से दौड़ने जा रही हूं। मैं दौड़ना नहीं छोड़ूंगी। मैं आगे भी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लूंगी।
कौर ने केवल आठ साल पहले 93 साल की उम्र में एथलेटिक्स को अपनाया। इससे पहले उन्हें खेलों का कोई अनुभव नहीं था लेकिन उनके बेटे गुरदेव सिंह ने उन्हें अपने साथ अंतरराष्ट्रीय मास्टर्स खेलों में भाग लेने का को कहा। चिकित्सकीय परीक्षणों के बाद उन्हें अनुमति मिल गयी और तब मां और बेटा दोनों ही विश्व भर में एक दर्जन मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं।
कौर अभी तक 17 स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं और उनकी योजना आकलैंड में 200 मीटर दौड़, दो किग्रा गोला फेंक और 400 ग्राम भाला फेंक में भाग लेने का है। इससे उनके पदकों की संख्या 20 पर पहुंच जाएगी।