मेरे करियर के सर्वश्रेष्ठ पलों में से एक : पी वी सिंधू
सिंधू ने कहा, यह रियो ओलंपिक है और काफी अलग महसूस कर रही हैं। यह सर्वश्रेष्ठ पलों में से है। उम्मीद है कि ऐसे कई और पल आयेंगे। दुनिया की 10वें नंबर की खिलाड़ी सिंधू ने दूसरी रैंकिंग वाली वांग को 22-20, 21-19 से हराया। वह ओलंपिक सेमीफाइनल में पहुंचने वाली साइना नेहवाल के बाद दूसरी भारतीय खिलाड़ी बन गई।
इस मुश्किल दौर में भारत के लिये पदक जीतने के दबाव के बारे में पूछने पर उसने कहा, मैं सिर्फ खेल के बारे में सोच रही थी। यदि आप अच्छा खेलते हैं तो पदक खुद-ब-खुद मिलेंगे। मैं सिर्फ अपने अगले मैच पर फोकस कर रही हूं। उम्मीद है कि अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकूंगी। सिंधू ने कहा कि चीनी खिलाड़ी के खिलाफ उसका संयम सफलता की कुंजी साबित हुआ। उसने कहा, बड़ी-बड़ी रैलियां चली और वह काफी आक्रामक खेल रही थी। शुरू में मेरे स्मैश बाहर जा रहे थे लेकिन मैने संयम बनाये रखा और हर बात के लिये तैयार थी। मेरे ख्याल से वही टर्निंग प्वाइंट था। उसने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा कि मैं यह मैच हारूंगी क्योंकि एक पल सब कुछ बदल सकता है। अंक बनाना आसान नहीं था। यह काफी करीबी मुकाबला था। पहले गेम में 20-20 से स्कोर बराबर था और मुझे कभी नहीं लगा कि गेम पूरा हो गया है। वह बहुत अच्छा खेल रही थी।
दूसरा गेम कमोबेश आसान लग रहा था और एक समय सिंधू 17-13 से आगे चल रही थी लेकिन वांग ने लगातार छह अंक लेकर इसे भी करीबी बना दिया। सिंधू ने कहा, दूसरे गेम में मैं 18-14 से आगे थी लेकिन उसने शानदार वापसी की और बेहतरीन खेल दिखाया। 18-18 से स्कोर बराबर होने के बाद कोई भी जीत सकता था। साइना की तरह उसकी फिटनेस को लेकर कोई मसला नहीं था। उसने कहा , फिटनेस ठीक थी। वह अनुभवी खिलाड़ी है और दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी है। मेरे लिये अंक जुटाना आसान नहीं था। मुझे पता था कि रैलियां लंबी चलेंगी और वह कोई मौका नहीं छोड़ेगी। सिंधू ने कहा कि दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी के खिलाफ तकदीर के भरोसे नहीं जीता जा सकता और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होता है। उसने कहा, मैं लंबी रैलियों के लिये तैयार थी और ऐसा नहीं है कि तकदीर ने मेरा साथ दिया। उसने बेहतरीन खेल दिखाया लेकिन मैं उसके खिलाफ पहले भी जीती हूं और हारी भी हूं। यह मैच के दिन अच्छे प्रदर्शन की बात है।
एजेंसी