खेल रत्न पुरस्कार की सूची में नाम नहीं शामिल किये जाने से हैरान हूं: दीपा मलिक
पैरालम्पिक खेलों में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला दीपा मलिक ने सोमवार को कहा कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार की सूची में उनका नाम नहीं शामिल किये जाने से वो हैरान हैं।
बता दें कि पिछले गुरुवार को खेल रत्न की पुरस्कार चयन समिति ने साल 2017 के लिए पैरा एथलीट और रियो पैरालिंपिक के स्वर्ण पदक विजेता देवेन्द्र झाज़रिया के नाम की सिफारिश की थी। झाज़रिया के साथ, भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह को भी खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया।
आवेदन पर पुनर्विचार हो
हैरानी की बात है कि दीपा ने साल 2016 के रियो पैरालम्पिक के शॉटपुट इवेंट एक रजत जीता था, उनका नाम खेल रत्न की सूची से हटा दिया गया। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए 46 वर्षीय पैरा एथलीट ने कहा, "यह मेरे लिए चौंकाने वाली बात है कि मेरा नाम पुरस्कार विजेताओं की सूची में शामिल नहीं है।"
दीपा ने आगे कहा कि इस वर्ष के खेल रत्न के लिए उनका आवेदन पर गौर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मेरा खेल रत्न के लिए आवेदन पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। मैंने समिति और सरकार के सामने अपना मामला सामने रखा है। मैंने खेल मंत्री को भी एक पत्र लिखा है।"
शॉटपुट इवेंट में जीता रजत
गौरतलब है कि दीपा मलिक पैरालम्पिक गेम्स में मेडल जीतने वाली भारत की पहली और एकमात्र महिला हैं। साल 2012 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। दीपा ने साल 2016 पैरालंपिक के शॉटपुट इवेंट में देश के लिए सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा था। वो पैरालंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। शॉटपुट इवेंट में दीपा मलिक ने छठे प्रयास में 4.61 का स्कोर बनाकर सिल्वर मेडल जीता था।
भारत ने साल 2016 में रियो पैरालम्पिक में 19 एथलीटों का अपना सबसे बड़ा दल भेजा था। इन खेलों में भारत के पैरा एथलीटों ने 2 स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य सहित चार पदक अपने नाम किए थे। 160 देशों से 4400 से अधिक पैरा एथलीटों ने ब्राज़ील में 7 से 18 सितंबर, 2016 के बीच आयोजित हुए रियो पैरालम्पिक 2016 में भाग लिया था।