सिंधू, साक्षी और दीपा के साथ जीतू राय को मिला खेल रत्न पुरस्कार
पहली बार चार खिलाड़ियों को एक साथ खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया। इसका श्रेय रियो ओलंपिक में इन तीनों वंडर गर्ल के शानदार प्रदर्शन को जाता है जिनमें से सिंधू ने रजत पदक जीता जबकि साक्षी महिला कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं और दीपा ने जिम्नास्टिक में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनने के बाद चौथा स्थान हासिल कर सब का दिल जीता। हालांकि रियो ओलंपिक में जीतू पदक नहीं जीत सके लेकिन इससे पहले उन्होंने 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण और आईएसएसएफ विश्व कप में पुरूषों की दस मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता था। राष्ट्रपति ने ऐतिहासिक दरबार हाल में आयोजित समारोह में इन सभी को पदक, सर्टिफिकेट और 7.5 लाख रूपये नकद पुरस्कार दिया।
समारोह के आकर्षण का केंद्र हालांकि महिला पहलवान विनेश फोगाट रहीं जो रियो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में घुटने की चोट के कारण हारकर बाहर हो गई थीं। व्हीलचेयर पर आई विनेश को पुरस्कार देने राष्ट्रपति खुद आगे आए और हाल में मौजूद लोगों ने तालियों के साथ इस खिलाड़ी के जज्बे को सराहा। क्रिकेटर अजिंक्य रहाणे को छोड़कर सभी 14 खिलाड़ी अर्जुन पुरस्कार लेने के लिए मौजूद थे जिन्हें प्रतिमा, सर्टिफिकेट और पांच-पांच लाख रूपये नकद पुरस्कार दिए गए। रियो ओलंपिक में 3000 मीटर स्टीपलचेस में 10वें स्थान पर रही लंबी दूरी की धाविका ललिता बाबर, पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय मुक्केबाज शिवा थापा, हाकी खिलाड़ी वी आर रघुनाथ और रानी रामपाल को भी अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया गया।
तीरंदाज रजत चौहान, बिलियर्ड्स और स्नूकर खिलाड़ी सौरव कोठारी, फुटबाल खिलाड़ी सुब्रत पाल, निशानेबाज गुरप्रीत सिंह और अपूर्वी चंदेला, टेबल टेनिस खिलाड़ी सौम्यजीत घोष को भी अर्जुन पुरस्कार प्रदान किए गए। इस साल छह कोचों को द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रदान किए गए जिनमें दीपा के कोच बिश्वेश्वर नंदी और भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली के कोच राजकुमार शर्मा शामिल हैं। उनके अलावा नगापुरी रमेश (एथलेटिक्स), सागर मल धयाल (मुक्केबाजी), प्रदीप कुमार (तैराकी, जीवनपर्यंत योगदान) और महाबीर सिंह (कुश्ती, जीवनपर्यंत योगदान) को द्रोणाचार्य पुरस्कार दिए गए। संन्यास के बाद खेलों को बढ़ावा देने के लिए ध्यानचंद जीवनपर्यंत योगदान पुरस्कार सत्ती गीता (एथलेटिक्स), सिल्वानस डुंगडुंग (हॉकी) और राजेंद्र प्रहलाद शेल्के (नौकायन) को दिए गए।