एशियन गेम्स में गोल्ड पर निशाना लगाने वाले सौरभ की कहानी, कर्ज लेकर पिता ने खरीदी थी शूटिंग किट
इंडोनेशिया में चल रहे 18वें एशियाई खेलों में मंगलवार को भारत के महज 16 साल के निशानेबाज सौरभ चौधरी ने भारत को तीसरा गोल्ड मेडल दिलवाया। सौरभ एशियन गेम्स में 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड जीतने वाले भारत के पहले शूटर बन गए हैं। इससे पहले विजय कुमार ने इस इवेंट में भारत को मेडल दिलवाया था।
सौरभ ने एशियाई खेलों में इस स्पर्धा का रिकॉर्ड तोड़ते हुए कुल 240.7 (एशियन गेम्स रिकॉर्ड) अंक हासिल किए और सोना जीता।
उत्तर प्रदेश के मेरठ तहसील के कलीना गांव के रहने वाले सौरभ के लिए यह सब इतना आसान नहीं था। लेकिन सौरभ की मेहनत और हौसले ने कठिनाइयों को पस्त कर दिया। सौरभ के पिता जगमोहन मूलतः किसान हैं उन्होंने कर्ज लेकर अपने बेटे को निशानेबाजी के लिए किट दिलाई थी। आउटलुक से उनके पिता जगमोहन ने बताया कि कि उनका बेटा सौरभ 12 किमी दूर रेंज में रोजाना प्रैक्टिस करने जाता था। उन्होंने अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए कर्ज भी लिया।
यह भी दिलचस्प बात है कि सौरभ को सीनियर स्तर पर खेलते हुए करीब एक साल ही हुए हैं। तीन साल पहले ही सौरभ ने पिस्टल पकड़ना सीखा है और इतने कम समय में उन्होंने गोल्ड पर कब्जा जमा लिया। युवा निशानेबाज ने अपने पहले बड़े इंटरनेशल टूर्नामेंट में हमवतन अभिषेक वर्मा और चार बार के ओलिंपिक गोल्उ मेडलिस्ट जीन जॉन्ग ओह की पीछे छोड़ते हुए पहले पायदान के साथ फाइनल के लिए क्वालिफाइ किया था।
सौरभ की जीत से सभी उत्साहित हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सौरभ को 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने पर बधाई दी है। साथ ही देश और प्रदेश को गौरवान्वित करने वाले होनहार सौरभ को प्रदेश सरकार की तरफ से 50 लाख रुपये का पुरस्कार और राजपत्रित नौकरी देने का ऐलान किया।