टोक्यो पैरालिंपिंकः डिस्कस थ्रो में विनोद कुमार का कांस्य पदक होल्ड पर, जाने क्या है वजह
टोक्यो पैरालिंपिक में विनोद कुमार ने डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक जीता था लेकिन प्रतिद्वंद्वियों की ओर से आपत्ति के बाद उनके पदक को होल्ड पर डाल दिया गया। इसपर फैसला सोमवार को लिया जाएगा।
अपना पहला ओलिंपिक खेल रहे विनोद कुमार के मेडल पर सवाल उठाए जा रहे हैं। प्रतिद्वंद्वियों की ओर से आपत्ति के बाद उनके पदक को होल्ड पर डाल दिया गया है। जिन चीजों पर आपत्ति जताई गई है उसकी दोबारा जांच की जा रही है। 19.91 मीटर दूर चक्का फेंकने के साथ विनोद ने एशियाई रेकॉर्ड भी बनाया है। एफ 52 कैटेगरी में खेल रहे विनोद 41 साल के हैं। इस कैटेगरी में उन ऐथलीट्स को शामिल किया जाता है, जिनकी मांसपेशियों में कमजोरी होती है। अंग की कमी, पैर की लंबाई असमान होती है। ऐसे खिलाड़ी व्हीलचेयर बैठकर प्रतिस्पर्धा करते हैं। गर्भाशय, रीढ़ की हड्डी की चोट जैसे खिलाड़ी भी इसी में होते हैं।
खेल आयोजकों के अनुसार, "प्रतियोगिता में क्लासिफिकेशन निरीक्षण के कारण इस स्पर्धा का नतीजा अभी समीक्षा के अधीन है। पदक समारोह भी 30 अगस्त के शाम के सत्र तक स्थगित कर दिया गया है।"
विनोद सीमा पर देश की रक्षा करते थे। वह बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स में तैनात थे, लेकिन अपनी भर्ती के सात माह बाद ही एक हादसे में उन्हें लकवा मार गया और वह जीवन भर चलने-फिरने से लाचार हो गए। अब उनकी बची जिंदगी व्हील चेयर पर ही कटनी थी, लेकिन हिम्मत न हारते हुए उन्होंने जीने की नई राह चुनी।
अमेरिका के सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता बिल अर्बन ने कहा कि अमेरिकी सैन्य बलों ने आज काबुल में एक वाहन पर एक आत्मरक्षा मानव रहित हवाई हमला किया, जिससे हामिद करजई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आईएसआईएस-के का खतरा समाप्त हो गया। हमें विश्वास है कि हमने लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। हम नागरिकों के हताहत होने की संभावनाओं का आकलन कर रहे हैं, हालांकि इस समय हमारे पास कोई संकेत नहीं है।